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अफसर को 3 महीने कैद की सजा...भेजा था ये मैसेज

jantaserishta.com
17 Aug 2022 3:50 AM GMT
अफसर को 3 महीने कैद की सजा...भेजा था ये मैसेज
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

जानें पूरा मामला।

मुंबई: महाराष्ट्र के मुंबई की एक अदालत ने कहा है कि किसी को भी किसी की प्राइवेसी भंग करने का अधिकार नहीं है. मुंबई की एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने बीएमसी के एक अधिकारी को तीन महीने कैद की सजा सुनाई है. मामला शिवसेना नेता की पत्नी को मैसेज करने से जुड़ा है. शिवसेना नेता की पत्नी खुद भी एक पार्षद रही हैं.

कोर्ट में Whatsapp पर भेजे गए वे मैसेज भी पेश किए गए जोआरोपी की ओर से महिला को भेजे गए थे. इन मैसेज में आरोपी 43 साल के बीएमसी अधिकारी ने महिला को गुड़िया कहा था. कोर्ट ने कहा कि महिला और आरोपी के बीच कोई दोस्ती नहीं है. महिला आरोपी को नहीं जानती. महिला विवाहित है. ये संदेश रात 11.30 से 12.30 के बीच भेजे गए हैं.
कोर्ट ने ये भी कहा कि किसी को भी ये अधिकार नहीं है कि वह किसी भी व्यक्ति की निजता भंग करने वाले संदेश भेजे. आरोपी बीएमसी अधिकारी का नाम नरसिंह गुडे बताया जा रहा है. नरसिंह गुडे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 67, 67 ए के तहत मामला दर्ज किया गया था. कोर्ट ने आईटी एक्ट से संबंधित इस मामले में आरोपी को तीन महीने साधारण कारावास की सजा सुनाई है.
बताया जाता है ये मामला 26 जनवरी 2016 का है. बोरीवली ईस्ट में रहने वाली एक महिला को Whatsapp पर रात 11.30 से 12.30 के बीच एक अनजान नंबर से कई मैसेज आए थे. महिला ने जब अपना Whatsapp चेक किया तो अनजान नंबर से आए 20-25 मैसेज दिखे. अनजान नंबर से महिला को क्या तुम सो रही हो, तुम शादीशुदा हो या नहीं, तुम स्मार्ट दिखती हो, तुम बहुत सुंदर हो, मैं तुम्हें पसंद करता हूं, मेरी उम्र 40 साल है, तुमसे कल मिलते हैं जैसे मैसेज आए थे.
आरोप के मुताबिक अनजान नंबर से कुछ तस्वीरें भी भेजी गईं. महिला ने अपने पति को इसकी जानकारी दी. महिला के पति ने उस नंबर पर फोन भी किया लेकिन किसी ने फोन कॉल रिसीव नहीं की. थोड़ी देर बाद ही उसी अनजान नंबर से ये मैसेज आ गया कि रात के समय कॉल नहीं ले पाते, सॉरी. मैं Whatsapp पर चैटिंग करना पसंद करता हूं. ऑनलाइन आओ.
पीड़िता ने दहिसर थाने में इसे लेकर मामला दर्ज कराया. पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था. आरोपी बीएमसी अधिकारी ने कोर्ट में खुद को बेगुनाह बताया था. मामला दर्ज कराने वाली महिला और उसका पति, दोनों ही पार्षद और पूर्व पार्षद हैं जबकि आरोपी बीएमसी का अधिकारी है. बचाव पक्ष की ओर निजी दुश्मनी साधने के लिए मामला दर्ज कराए जाने की दलील भी दी जिसे मजिस्ट्रेट वीजे कोरे ने खारिज कर दिया.


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