उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर एक ऐसी लापरवाही सामने आई है, जिसने प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है. दरअसल यहां वैक्सीनेशन को लेकर अपना टारगेट पूरा करने के चक्कर में एक गांव में एएनएम को भेजकर ही लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवा दी गई. जब यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों को मिली तो हड़कंप मच गया. इसके बाद सभी मिलकर मामले को दबाने में जुट गए. पांच दिनों तक मामले को दबाए रखने के बाद आलम ये है कि इस लापरवाही को लेकर मुख्य रूप से जिम्मेदार वहां के सीएचसी अधीक्षक को स्वास्थ्य महकमा बचाने में जुटा है. जबकि निचले तबके के कर्मचारियों को मामले में बली का बकरा बनाया जा रहा है.
फिलहाल जिले के सीएमओ भी पूरे मामले पर चुप्पी साधकर बैठे हैं और सीएचसी अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं. सीएचसी अधीक्षक पर कोई कड़ी कार्रवाई करने के बजाय उन्हें केवल जिले पर संबद्ध किया गया है. फिलहाल मामले की जांच एसीएमओ को दी गई है. पूरा मामला बाराबंकी की रामनगर सीएचसी से जुड़ा हुआ है. यहां सीएचसी अधीक्षक डॉ. राजीव दीक्षित पर बेहद गंभीर आरोप लगे हैं. जिसके मुताबिक उन्होंने कोविड नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए एएनएम को सैदनपुर गांव भेजकर कई लोगों को कोरोना का टीका लगवा दिया. विभाग के आलाधिकारियों ने कई दिनों तक पूरा मामला दबाए रखा. लेकिन जब यह सूचना डीएम और सीएमओ तक पहुंची तो हड़कंप मच गया. लेकिन गाज मुख्य रूप से जिम्मेदार सीएचसी अधीक्षक पर गिरने के बजाय निचले तबके की कर्मचारियों पर गिरी है.
जानकारी के मुताबिक एएनएम की संविदा समाप्त करने की भी कार्रवाई चल रही है. वहीं एएनएम नसीम सुल्ताना का कहना है कि वह सीएचसी अधीक्षक के कहने पर सैदनपुर गांव में टीका लगाने के लिए गई थीं. गांव में 20 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई है. वहीं इस बड़ी लापरवाही पर बाराबंकी के सीएमओ का कहना है कि मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएचसी अधीक्षक डॉ. राजीव दीक्षित को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटाते हुए जिला मुख्यालय पर संबद्ध कर दिया गया है. उनका कहना है कि यह बड़ी लापरवाही है औऱ टारगेट पूरा करने के चक्कर में यह वैक्सीनेशन गांव में कराया गया है. जो पूरी तरह से गलत है. फिलहाल मामले की जांच एसीएमओ को दी गई है. जो भी इसमें दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.