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बढ़ाई जाएगी जागरूकता अभियानों की संख्या

Shantanu Roy
26 Sep 2023 11:00 AM GMT
बढ़ाई जाएगी जागरूकता अभियानों की संख्या
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चंडीगढ़। प्रदेश में अब साइबर अपराध को रोकने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा संचालित हेल्पलाइन -1930 पहले की अपेक्षा दोगुनी रफतार से काम करने जा रहा है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के निर्देशानुसार अब साइबर हेल्पलाइन नंबर पर तैनात स्टाफ की संख्या को पहले से दोगुना किया गया है ताकि हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का पहले की अपेक्षा और अधिक शीघ्रता से समाधान किया जा सके।
कपूर ने कहा कि पिछले कुछ समय में तकनीक के साथ साथ साइबर अपराधों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। साइबर अपराधी नए-नए तरीकों का इस्तेमाल करते हुए लोगों के साथ ऑनलाइन फ्रॉड करके उन्हें ठगी का शिकार बना रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों का तत्परता से समाधान किया जाए। इसके अलावा, लोगों को साइबर सुरक्षा की जानकारी देने को लेकर जल्द ही जागरूकता अभियानों की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि लोग सतर्क रहें और बैंक खाता संबंधी निजी जानकारी किसी के साथ सांझा ना करें। उन्होंने कहा कि इसे लेकर बैंकर्स के साथ भी बैठक आयोजित किए जाने की योजना है ताकि उनके साथ बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए काम किया जा सके।
गौरतलब है कि हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर द्वारा पिछले सप्ताह सेक्टर-3 पंचकूला स्थित 112- आईआरएसएस में संचालित किए जा रहे हेल्पलाइन नंबर-1930 के कार्यालय का निरीक्षण किया गया था। इस दौरान श्री कपूर ने यहां तैनात ड्यूटी स्टाफ से उनकी कार्यप्रणाली के बारे में विस्तार से पूछा। उन्होंने स्टाफ से पूछा कि जब उन्हें साइबर अपराध संबंधी शिकायत प्राप्त होती है तो पीड़ित व्यक्ति से क्या-क्या जानकारी ली जाती है और एसओपी क्या है जिस पर उपस्थित स्टाफ ने उन्हें अपनी कार्यप्रणाली के बारे में बताया।
निरीक्षण के दौरान बताया गया कि जनवरी से अगस्त माह तक इस हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से प्रदेश में लोगों के लगभग 22.38 करोड रुपए ठगी होने से बचाए गए हैं। यह भी बताया गया कि शिकायत प्राप्त होने उपरांत व्यक्ति से आवश्यक जानकारी जैसे -यूपीआई आईडी ,जिस नंबर से फोन आया था उसकी जानकारी ,बैंक की डिटेल तथा पेमेंट का माध्यम अर्थात यूपीआई अथवा बैंक ट्रांसफर आदि ली जाती है । इसके बाद व्यक्ति की कंप्लेंट आईडी क्रिएट की जाती है और इसे बैंक के नोडल अधिकारी के पास भेजा जाता है। संबंधित बैंक के नोडल अधिकारी द्वारा प्राप्त शिकायत के आधार पर ट्रांजैक्शन वाले अकाउंट को फ्रीज कर दिया जाता है जिससे वितीय लेनदेन वहीं रुक जाता है। अब तक इस हेल्पलाइन पर 38 हज़ार 600 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई है।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि साइबर धोखाधड़ी संबंधी मामलों की रिपोर्ट करने के लिए पुलिस स्टेशन जाकर पारंपरिक तरीके से एफआईआर दर्ज करवाना व उसकी जांच होना एक लंबी प्रक्रिया है। ऐसे में आम जन को चाहिए कि वे साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर जल्द से जल्द साइबर ठगी संबंधी सूचना दें ताकि आगे की ट्रांजैक्शन को रोका जा सके। इसके अलावा लोग साइबर क्राइम की वेबसाइट- http://www.cybercrime.gov.in पर भी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।
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