कृषि प्रधान देश में किसानों की आत्महत्या की ख़बर पीड़ादायक : मुकुल वासनिक
पंजाब। पटियाला के गांव तुंगा के रहने वाले किसान हरदीप सिंह (41) ने लाखों रुपये के कर्ज से परेशान होकर अपने खेतों में सल्फास निगल कर आत्महत्या कर ली। गांव के लोगों ने पंजाब सरकार से पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद की मांग की है। भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) के ब्लाक प्रधान हरमेल सिंह तुंगा और गांव निवासी जसमेल सिंह ने बताया कि किसान हरदीप सिंह पर 25 लाख रुपये का कर्ज था। इसके चलते वह काफी परेशान रहता था। इसी हालत में उसने अपने खेतों में जाकर सल्फास निगल कर आत्महत्या कर ली। मरने वाले किसान के भाई मनदीप सिंह ने बताया कि उसके भाई ने पिछले साल धान की फसल लगाई थी। बारिश में डूबने के कारण फसल की पैदावार आधी रह गई थी। इसके बाद किसान ने मटर की खेती की। बाद में गेहूं और सरसों की फसल की। इन फसलों में भी किसान हरदीप सिंह को नुकसान ही उठाना पड़ा।
इस वजह से उसके कर्ज में और वृद्धि हो गई। मनदीप सिंह ने बताया कि उसके भाई ने कुछ समय पहले लोन लेकर अपनी बेटी को पढ़ाई के लिए विदेश भेजा था। मृतक के दो बच्चे हैं, जिनमें एक 19 साल का लड़का और एक 17 साल की लड़की है। लड़की वर्तमान में विदेश में है। किसान नेताओं ने कहा कि अगर पंजाब के किसान इसी तरह से खुदकुशी करते रहे तो भविष्य में देश के लोग अनाज के लिए तरस जाएंगे। सरकारों को चाहिए कि इस बुरे आर्थिक दौर में किसानों की वित्तीय मदद करें, जिससे वह कर्ज के बोझ से निजात पा सकें।
अब तक 16 किसान कर चुके आत्महत्या
भारतीय किसान यूनियन (उग्राहां) के मुताबिक 23 अप्रैल तक गेहूं की कम पैदावार से परेशान 14 किसानों आत्महत्या कर चुके हैं। 26 अप्रैल को संगरूर जिले में एक और किसान ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। कस्बा लौंगोवाल निवासी किसान भोला सिंह ने अपने खेत में ही फंदा लगा खुदकुशी की है। वहीं 27 अप्रैल को पटियाला में किसान हरदीप सिंह ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। प्रदेश में अब तक 16 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक ने ट्वीट कर लिखा - कृषि प्रधान देश में किसानों की आत्महत्या की ख़बर पीड़ादायक है। सरकार को किसानों की स्थिति सुधारने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए।