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नक्सलियों ने विस्फोट से रेल पटरी को क्षतिग्रस्त किया, कौन हैं वो दो नक्सली जिनकी गिरफ्तारी से हैं नाराज?
jantaserishta.com
27 Jan 2022 6:39 AM GMT
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Prashant Bose and Sheela Marandi: झारखंड में नक्सलियों ने उत्पात मचा रखा है. नक्सलियों ने बुधवार-गुरुवार की रात गिरिडीह के नजदीक बम ब्लास्ट कर रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया. इससे कई ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई तो कई को डायवर्ट करना पड़ा. इससे तीन दिन पहले ही नक्सलियों ने करोड़ों रुपये की लागत से बने पुल को विस्फोट कर उड़ा दिया था. ये पुल बराकर नदी पर बना था.
लेकिन सवाल ये है कि नक्सली ये सब क्यों कर रहे हैं? दरअसल, नक्सली दो नक्सलियों की रिहाई की मांग कर रहे हैं. इनमें एक नक्सली है प्रशांत बोस और दूसरी है उसकी पत्नी शीला मरांडी.
1 करोड़ का इनाम था सिर पर
प्रशांत बोस उर्फ किशन दा को 'बूढ़ा' के नाम से जाना जाता है. 85 साल के बूढ़ा पर पुलिस ने एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. वो 100 से ज्यादा नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड बताया जाता है. इतना ही नहीं, उसके ऊपर पुलिस पार्टी पर 50 से ज्यादा हमलों की जिम्मेदारी भी है. उसकी पत्नी शीला मरांडी भी सीपीआई (माओवादी) की पोलित ब्यूरो सदस्य रही है.
पुलिस ने दोनों को पिछले साल 12 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया था. उस समय प्रशांत बोस अपनी पत्नी का इलाज कराने जा रहा था. उसके साथ उसके साथी भी थे. पुलिस ने जब सबको गिरफ्तार किया तो प्रशांत बोस ने कहा, 'आप गलती कर रहे हैं. हम इलाज के लिए जा रहे हैं.' वहीं, उसकी पत्नी और साथियों ने अपने झूठे नाम बताए. हालांकि, पुलिस बोस को पहचानती थी, इसलिए उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया.
1960 के दशक में बना नक्सली
प्रशांत बोस मूल रूप से से पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के जादवपुर का रहने वाला है. उसकी पत्नी गिरिडीह के टुंडी नावाटांड़ की रहने वाली है. शीला मरांडी 2006 से 2016 तक जेल में भी रह चुकी है.
बताया जाता है कि प्रशांत बोस 1960 के दशक में नक्सलियों से जुड़ा. वो माओवादियों के पोलित ब्यूरो का सदस्य है. इसके साथ ही वो 2004 से भाकपा (माओवादी) की सेंट्रल मिलिट्री कमीशन का सदस्य है.
प्रशांत बोस को आखिरी बार 1974 में गिरफ्तार किया गया था. वो 1978 में बाहर आ गया था. तब से ही वो पुलिस की पकड़ से दूर था. झारखंड के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ की पुलिस को भी उसकी तलाश थी.
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