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अलर्ट पर देश की राजधानी! 20 हजार से ज्यादा फोर्स कर रही निगरानी, 71 डीसीपी और 213 एसीपी तैनात
jantaserishta.com
23 Jan 2022 12:17 PM GMT
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नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस परेड के लिए दिल्ली पुलिस अलर्ट पर है. पुलिस 22 पैरामीटर्स पर एंटी टेरर की मॉनिटरिंग कर रही है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने बताया कि दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस समारोह के बाद से गणतंत्र दिवस की तैयारी शुरू कर दी थी. खुफिया इनपुट के बाद एजेंसियों ने नवंबर से अपनी आतंकवाद विरोधी निगरानी भी तेज कर दी है. 26 मापदंडों के तहत आतंकवाद रोधी निगरानी की जा रही है. रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए राकेश अस्थाना ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि दिल्ली हमेशा आतंकियों के टारगेट पर रहता है, इसलिए हमें अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी. इस साल भी हम अलर्ट पर हैं. सुरक्षा एजेंसियां, राज्य पुलिस सभी आतंकवाद विरोधी उपायों का पालन करने के लिए दिल्ली पुलिस के साथ समन्वय कर रही है.
राकेश अस्थाना ने बताया कि 26 मापदंडों में वाहनों की जांच तेज करना, लॉज की जांच और किरायेदार, नौकर, मजदूर सत्यापन शामिल हैं. कुल 27,723 बलों को तैनात किया गया है, जिनमें 71 डीसीपी, 213 एसीपी, 753 इंस्पेक्टर और दिल्ली पुलिस कमांडर शामिल हैं. इन बलों के साथ सीएपीएफ की 65 कंपनियां कॉर्डिनेट करेंगी.
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि शहर में नाकाबंदी, चेकिंग चल रही है. होटल, लॉज आदि में वेरिफिकेशन किया जा रहा है. शहर में रिपब्लिक डे परेड के लिए 20 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को लगाया गया है, जिसमें ऑफिसर और पैरामिलिट्री फ़ोर्स भी शामिल हैं. इनके अलावा 71 डीसीपी, 213 एसीपी, 753 इंस्पेक्टर को लगाया गया है. कुल फोर्स की संख्या 27 हजार 723 है. 65 कंपनी परमिट्री फ़ोर्स की लगाई गई है. उन्होंने बताया कि पिछले 15 दिनों से बॉर्डर पर चेकिंग चल रही है. एंटी ड्रोन सिस्टम भी लगाए हैं, जिसमें दूसरी एजेंसीज की भी मदद ली है.
हवाई क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए काउंटर रॉग ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. दिल्ली पुलिस के अलावा अन्य एजेंसियां भी हवाई क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए कॉर्डिनेट कर रही हैं. सेंट्रल विस्टा और उसके आसपास काम करने वाली सभी एजेंसियां दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही हैं.
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि दिल्ली पुलिस की आंतरिक बैठकों के अलावा एटीएस प्रमुखों, सीआईडी प्रमुख, डीजीपी के साथ अंतरराज्यीय बैठकें भी हो चुकी हैं. तोड़फोड़ रोधी जांच के लिए कुल 200 टीमें काम कर रही हैं. इसके अतिरिक्त सोशल मीडिया निगरानी प्रकोष्ठ जागरूकता फैलाने और गलत सूचना अभियानों पर नजर रखने के लिए सक्रिय है.
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