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Bhuteshwar Mandir: भूतेश्वर महादेव मंदिर का रहस्य, यहां आधी रात में देवी-देवता करते हैं भगवान शिव की पूजा

jantaserishta.com
5 Aug 2024 4:44 AM GMT
Bhuteshwar Mandir: भूतेश्वर महादेव मंदिर का रहस्य, यहां आधी रात में देवी-देवता करते हैं भगवान शिव की पूजा
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भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
सहारनपुर: हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमाओं से घिरा उत्तर प्रदेश का जनपद सहारनपुर धार्मिक स्थलों के लिए जाना जाता है। इस जिले में पांच बड़े शिवालय हैं, लेकिन स्मार्ट सिटी सहारनपुर का श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर अपनी विशेषता के चलते भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
यूं तो भूतेश्वर महादेव मंदिर महाभारत काल से है। मगर इसका निर्माण सैकड़ों साल पहले मराठा शासक ने कराया था। यही वजह है कि भूतेश्वर महादेव मंदिर लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। पुराने शहर में धोबी घाट के पास 22 बीघा जमीन पर बने प्राचीन सिद्धपीठ मंदिर का इतिहास बेहद ही खास है।
यह मंदिर कई पौराणिक और धार्मिक महत्व अपने अंदर समेटे हुए है। बताया जाता है कि द्वापर युग में अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने इस स्थान पर भगवान शिव की पूजा की थी। पांडवों की पूजा से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने दर्शन दिए थे। इसके साथ ही भगवान ने उन्‍हें कौरवों पर विजय का आशीर्वाद भी दिया था।
17 वीं शताब्दी में इस स्थान पर स्वयंभू शिवलिंग अवतरित हुआ था। जिसके चलते उस वक्त मराठा शासक ने इस स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण कराया था। बताया जाता है कि उस वक्त मंदिर के आसपास घने जंगल हुआ करते थे। मंदिर में साधु-संत तपस्या करते थे। घने जंगलों में होने के चलते कुछ ही श्रदालु मंदिर में दर्शन करने आते थे।
मंदिर के पुजारी शिवनाथ पांडे बताते हैं कि धीरे-धीरे समय बीतता गया और मंदिर की रख रखाव के लिए एक समिति बनाई गई। समिति ने इसका दोबारा से निर्माण करवाया। शहर की आबादी बढ़ती गई और यह मंदिर शहर के बीच में आ गया। चमत्‍कारों के बारे में बात करते हुए पुजारी ने कहा कि यहां हर रोज नए चमत्‍कार समाने आते है। यहां जो भी भक्‍त पूरे भक्ति-भाव से आता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
बता दें कि इस मंदिर के बारे में ऐसी कहानियां भी है, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। कहा जाता है कि कई सालों पहले श्रावण मास में रोजाना की तरह 10:30 बजे रात को मंदिर के कपाट बंद हो गए थे। उस रात अचानक करीब 3:00 बजे मंदिर के कपाट अपने आप ही खुल गए। खुद-ब-खुद घंटियां बजने लगी। जब मंदिर में मौजूद पुजारियों और साधु-संतो ने गर्भगृह में जाकर देखा तो भगवान शंकर का श्रृंगार हुआ मिला और उनकी आरती हो चुकी थी। माना जाता है कि देवी देवताओं ने भगवान शंकर की पूजा की थी।
वहीं मंदिर में कई लोगों को 20 फिट लंबे सफेद दाढ़ी वाले बाबा भी दिखाई दिए थे। इतना ही नहीं हनुमान जी भी मंदिर का भ्रमण करते हुए दिखाई देते हैं। मान्यता है कि 40 दिन अगर कोई व्यक्ति श्रद्धाभाव से शिवलिंग पर जल चढ़ाता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं 40 दिन से पहले ही पूरी हो जाती है।
यही वजह है कि भूतेश्वर महादेव मंदिर में आसपास के जनपदों और राज्यों से हर सोमवार हजारों की संख्या में शिव भक्त दर्शन करने आते हैं। सावन के महीने में हर दिन यहां मेले जैसा माहौल रहता है। लाखों शिव भक्त हरिद्वार से कांवड़ लाकर भूतेश्वर महादेव का जलाभिषेक कर महादेव का आशीर्वाद पाते हैं। यहां पर दर्शन करने आए भक्‍तों ने बताया कि हम यहां काफी सालों से आते हैं। इस मंदिर की अपने आप में अलग ही मान्‍यता है। इस मंदिर में हर किसी भक्‍त की मनोकामना पूरी होती है।
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