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कातिल को फांसी की सजा, सरेआम चचेरे भाई और भतीजी का किया था मर्डर

Nilmani Pal
17 Feb 2024 5:01 AM GMT
कातिल को फांसी की सजा, सरेआम चचेरे भाई और भतीजी का किया था मर्डर
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कोर्ट का फैसला

यूपी। महराजगंज में चचेरे भाई और भतीजी की बेरहमी से की गई हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की अदालत ने अभियुक्त को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 2 लाख 25 हजार जुर्माना भी लगाया है। पुरन्दरपुर क्षेत्र के मानिक तालाब टोला चन्नीपुर में 2 अप्रैल 2014 को दिनदहाड़े बैजू उर्फ बैजनाथ ने अपने चचेरे भाई निर्मल और भतीजी की धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या कर दी थी। इस मामले में भतीजी ज्ञानती के पिता राजेन्द्र चौधरी की तहरीर पर पुरन्दरपुर थाने में केस दर्ज कराया। वादी के मुताबिक बैजू के पिता यमुना चौधरी से 15-20 साल पहले जमीन का विवाद था। उस समय बैजू छोटा था। विवाद उसी समय सुलझ गया था। बैजू जब बड़ा हुआ तो उसी मामले को लेकर रंजिश रखने लगा था। रंजिश के कारण ही उसने ज्ञानती व उसके ताऊ निर्मल की दिनदहाड़े गांव में दौड़ा कर हत्या कर दी।

ट्रायल के दौरान 14 गवाहों में से दस ने गवाही की। साक्ष्यों के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम पवन कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने अभियुक्त बैजू उर्फ बैजनाथ को दोषी करार दिया। कोर्ट ने अभियुक्त को मौत की सजा सुनाते हुए आदेश दिया कि उसे तब तक गर्दन से फांसी पर लटकाया जाए जब तक वह मर न जाए। जिले में फांसी की सजा का यह दूसरा मामला है। इसके पहले सदर कोतवाली क्षेत्र के पिपरा कल्याण गांव में हुई हत्या के मामले में कोर्ट ने वर्ष 2003 में फांसी की सजा सुनाई थी।
बचपन की रंजिश को मन में पालकर बड़ा हुआ बैजू उर्फ बैजनाथ ने 2 अप्रैल 2014 को दोहरे हत्याकांड को अंजाम देकर चचेरे भाई व भतीजी को मौत के घात उतार दिया था। दिन दहाड़े हुई इस घटना से पुरन्दरपुर थानाक्षेत्र का मानिक तालाब गांव दहल उठा था। घटना के बाद बैजू भगाने के दौरान पीछा कर रहे ग्रामीणों को धारदार हथियार लहरा कर भयभीत करने की कोशिश किया था।


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