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प्रिंसिपल की हत्या का खुल गया राज, परिवार के लोगों ने ही रची थी साजिश

jantaserishta.com
10 Jun 2023 4:16 AM GMT
प्रिंसिपल की हत्या का खुल गया राज, परिवार के लोगों ने ही रची थी साजिश
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पुलिस की जांच में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है।
रांची (आईएएनएस)| झारखंड के गोड्डा जिले के बसंतराय स्थित मौलाना अबुल कलाम आजाद कॉलेज के प्रिंसिपल की हत्या की साजिश उनके परिजनों ने ही की थी। पुलिस की जांच में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस इस मामले में सात लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। घटना में संलिप्त शाकिर को पुलिस ने अपहरण में उपयोग किये गये काले रंग की गाड़ी के साथ पकड़ा लिया है। पूछताछ के दौरान उसने अपहरण कर हत्या की बात स्वीकार की है। उसने पुलिस को बताया कि कॉलेज विवाद को लेकर योजना बद्ध तरीके से उसने मोहम्मद नजीरूद्दीन का अपहरण किया और हत्या कर दी। शाकिर ने पुलिस को बताया कि इसमें उसके भाई और परिजनों की भी संलिप्तता है। पुलिस ने इस घटना में संलिप्त मो. शाकिर उर्फ चुन्ना, अमन राज और कपिल देव दास को हिरासत में लिया गया है। वहीं, अन्य लोगो को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। शुक्रवार सुबह प्रिंसिपल डॉ नजीरुद्दीन का शव महगामा दियाजोरी के बीच पाया गया था। डॉ नजीरुद्दीन क्षेत्र की नामी शख्सियत थे और वे राजनीतिक रूप से भी काफी सक्रिय थे।
प्रिंसिपल डॉ नजीरुद्दीन गुरुवार शाम को गाड़ी से बिहार के धोरैया से अपने गांव बसंतराय की ओर आ रहे थे। तभी झारखंड-बिहार सीमा पर कोरियाना पुल के पास हथियारबंद नकाबपोश अपराधियों ने उनकी गाड़ी को रोका और प्रिंसिपल को जबरन अपनी गाड़ी में बैठाकर ले गये। अपराधियों ने प्रिंसिपल के ड्राइवर को भी धमकी दी कि अगर इस बारे में किसी को बताया तो जान मार देंगे। करीब दो घंटे के बाद ड्राइवर ने घटना की जानकारी प्रिंसिपल के घरवालों को दी। जिसके बाद पुलिस और परिजनों ने नजीरुद्दीन की काफी खोजबीन की। लेकिन उनका कोई पता नहीं चला। इसी दौरान शुक्रवार सुबह नजीरुद्दीन का शव बरामद किया गया। इसके बाद पुलिस ले त्वरित कार्रवाई करते हुए हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गौरतलब है कि बसंतराय स्थित मौलाना अबुल कलाम आजाद कॉलेज को आय का एक बड़ा जरिया माना जाता रहा है। इस कॉलेज में बड़े पैमाने पर एडमिशन होता है और उससे कॉलेज प्रबंधन को अच्छी आमदनी होती है। कॉलेज के प्रबंधन में भी एक ही परिवार का वर्चस्व है और अधिकांश स्टाफ इनके अपने या चहेते हैं। यहां मनमानी वसूली के भी आरोप लगते रहे हैं। कॉलेज में प्रिंसिपल के पद को लेकर पहले भी विवाद हुए हैं और बाद में मामला सुलझा लिया गया है। लेकिन कॉलेज में दबदबे का विवाद आखिरकार प्रिंसिपल डॉ नजीरुद्दीन की जान का दुश्मन बन गया।
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