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एक साथ उठीं 11 लोगों की अर्थी, नजारा देखकर सहम गए लोग, देखिये वीडियो

jantaserishta.com
16 Oct 2021 9:57 AM GMT
एक साथ उठीं 11 लोगों की अर्थी, नजारा देखकर सहम गए लोग, देखिये वीडियो
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भोपाल: उत्तर प्रदेश के चिरगांव में ट्रैक्टर-ट्राली पलटने से मध्य प्रदेश के दतिया जिले के पंडोखर थानांतर्गत छिरोना गांव के 11 लोगों की मौत हो गई थी। शनिवार को उनकी अर्थियां एकसाथ निकलीं तो गांव में मौजूद हरेक व्यक्ति की आंखें नम हो गईं। वयस्कों की अर्थियों को लोगों ने कंधा दिया। वहीं बच्चों के शवों को परिजन हाथों में लेकर दाह संस्कार के लिए निकले। एकसाथ 11 लोगों के अंतिम संस्कार की वजह से पंडोखर गांव में गम का माहौल रहा और गांव शोक में डूब गया।

दतिया जिले के पंडोखर थाना क्षेत्र स्थित छिरोना गांव में शुक्रवार को चिरगांव ट्रेक्टर सड़क हादसे के बाद से शोक की लहर है। दुर्घटना में मारे गए सभी 11 लोग इसी गांव के एक ही कुटुंब के बताए जाते हैं जिन्हें हादसे के बाद घायल हालत में वहीं नजदीकी अस्पताल ले जाया गया था। उऩकी मौत के बाद शवों को छिरोना लाया गया तो पूरे गांव में लोग शोक में डूब गए। जिन लोगों की अर्थियां निकलीं उनमें पुष्पा देवी पत्नी जानकी, मुन्नी देवी पत्नी स्व. मोतीलाल, सुनीता पत्नी रविंद्र, पूजा देवी पत्नी अनिल, राजो पत्नी कैलाश, प्रेमवती पत्नी जसवंत, कुसमा देवी पत्नी मनीराम थीं। वहीं जिन्हें अंतिम संस्कार के लिए हाथों में लिटाकर श्मशान घाट ले जाया गया, उन बच्चोंं में अऩिल की एक साल की बेटी कृस्या, नीरू की एक साल की बेटी परी, बंटी की चार साल की बेटी अनुष्का और पवन का बेटा अवि शामिल है।
चिरगांव में सड़क दुर्घटना के बाद जब बड़ों की अर्थियां और बच्चों के शवों को हाथों पर लेकर छिरोना गांव में लोग निकले तो हरेक की आंखों में आंसू थे। मृतकों को कंधा देने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी थी। अर्थियों व बच्चों के शवों को देखकर परिजनों के पीट-पीटकर रोने के शोर से पूरा गांव शोक में डूब गया था। इनके शवों को एकसाथ जब जलाया गया तो दृश्य ह्रदयविदारक हो गया। अंतिम संस्कार में भांडेर विधायक रक्षा संतराम सिरोनिया, जिला पंचायत सीईओ कमलेश भार्गव सहित कई अन्य नेता-अधिकारी शामिल हुए।।
पंडोखर के एक ग्रामीण स्वर्गीय मोतीलाल के बेटे पवन और अनिल नाम के युवक के यहां मन्नत के बाद दो बेटियों ने जन्म लिया था। इन लोगों ने मन्नत पूरी होने पर जवार लगाए थे। नवरात्र समाप्त होने पर इन्हें विसर्जित करके वे अपने करीब तीन दर्जन परिजनों के साथ ट्रेक्टर ट्रॉली से गए थे और जवारे विसर्जन के बाद वापस लौटते वक्त चिरगांव के पास हादसा हो गया।



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