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गठबंधन पर नहीं बन पाई बात? चंद्रशेखर बोले - अखिलेश को दलित समाज की जरूरत नहीं

Nilmani Pal
16 Jan 2022 2:07 AM GMT
गठबंधन पर नहीं बन पाई बात? चंद्रशेखर बोले - अखिलेश को दलित समाज की जरूरत नहीं
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यूपी। उत्तर प्रदेश की चुनावी जंग में समाजवादी पार्टी और आजाद पार्टी के बीच गठबंधन नहीं हो पाया है. दोनों दलों ने अपनी अलग-अलग राह चुन ली है. अब सवाल उठ रहा है कि आखिर किन वजहों से अखिलेश-चंद्रशेखर के बीच गठबंधन नहीं हो पाया?

पहले अटकले थीं कि भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर सपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं कि लेकिन शनिवार को स्थिति पूरी तरह साफ हो गई. चंद्रशेखर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके साफ कहा कि यूपी चुनाव में सपा और आजाद पार्टी का गठबंधन नहीं होगा और अखिलेश यादव को दलितों की जरूरत नहीं है. उन्होंने अपने दम पर चुनाव लड़ने की बात कही है. वहीं, अखिलेश यादव ने कहा कि मैंने चंद्रशेखर को दो सीटें देने की बात कही थी. उसमें एक सीट RLD के पास थी. इसके लिए मैंने आरएलडी के नेताओं से बात की थी. RLD के नेताओं ने मेरी बात मान ली और रामपुर मनिहारान सीट छोड़ दी. इसके बाद ये सीट मैंने चंद्रशेखर को दे दी. साथ-साथ गाजियाबाद घोषित सीट नहीं थी, उसे भी उन्हें दे दिया. लेकिन जब चंद्रशेखर की उनके संगठन से बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ सकता. संगठन के लोग नाराज हैं. इतनी सीटों से संगठन संतुष्ट नहीं है. इसके बाद मैंने कहा कि हमारे पास इतनी ही सीटें हैं, इसके बाद कोई सीट नहीं है. फिर चंद्रशेखर वापस चले गए.

इस सियासी खींचतान के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चीफ ओम प्रकाश राजभर का बड़ा बयान आया. उन्होंने कहा कि 3 दिन पहले चंद्रशेखर की तरफ से संदेश आया था कि किसी तरीके से गठबंधन में शामिल करा दें. उनके लिए 3 सीट और एक एमएलसी पर बातें हुई थी. साथ ही सरकार बनने पर उन्हें मंत्री बनाने का वादा था, लेकिन उन्होंने तोड़ दिया. बता दें कि ओम प्रकाश राजभर ने चंद्रशेखर और अखिलेश यादव के बीच गठबंधन को लेकर मध्यस्थता की थी. चंद्रशेखर कहा कि भाजपा को रोकने के लिए हम लगातार कोशिश करेंगे. मैं स्वाभिमान की लड़ाई लड़ता हूं. दो-दो बार तिहाड़ जेल जाकर आ चुका हूं. उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई कभी भी सत्ता की नहीं रही है. उन्होंने कहा कि 1 महीना 10 दिन से प्रयास किया लेकिन अखिलेश यादव से कोई जवाब नहीं मिला, कल (शुक्रवार को) हमारा विश्वास टूट गया जब अखिलेश से कोई जवाब नहीं मिला. यह लड़ाई प्रतिनिधित्व की है. अखिलेश यादव को दलित समाज की जरूरत नहीं है, उन्हें मेरी बधाई.

सपा ने विधानसभा चुनाव के लिए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी), अपना दल (कमेरावादी), प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया), महान दल, टीएमसी से गठबंधन किया है. बता दें कि 403 विधानसभा सीटों वाले यूपी में 10 फरवरी से 7 चरणों में विधानसभा चुनाव होना है. अंतिम चरण के लिए मतदान 7 मार्च को होना है. यूपी में चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे.


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