नॉएडा न्यूज़: नोएडा में भ्रष्टाचार के बलबूते यमुना नदी के डूब क्षेत्र में बनाये गये आलीशान फार्म हाउस इन दिनों पानी में डूबे हुए हैं। डूब क्षेत्र में बने फार्म हाउस बाढ़ के पानी से तहस-नहस हो रहे हैं और कई किलोमीटर तक सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है।
भ्रष्टाचार के बलबूते बनाये अय्याशी के अड्डे
नोएडा की बेशकीमती जमीन हमेशा से राजनेताओं, उद्योगपतियों, नौकरशाहों व रहीसों की निगाह में रही है। भ्रष्टाचार के बलबूते नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से मिलकर, प्लानिंग में फेरबदल करके नोएडा के सेक्टर-135 के मंगरौली छपरौली, नगली वाजिदपुर सहित कुछ अन्य गांवों की जमीनों पर अवैध कमाई से आलीशान फार्म हाउस बनाकर खड़े किए गए।
डूब क्षेत्र में बने इन फार्म हाउसों में वो हर सुविधा है जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। लग्जरी लाइफ के शौकीन लोगों ने इन फार्म हाउसों में बार, पार्टी लॉज, स्वीमिंग पूल, माउडयुलर किचन, स्टीम व सोना बाथ व अन्य सभी सुविधाएं इन फार्म हाउसों में बनाई हैं। इन फार्म हाउसों में से कुछ फार्म हाउसों पर अय्याशी के अड्डे भी खूब चलते हैं। जहां रातभर चलने वाली पार्टियां जिनमें खुलकर शराब पीना, विदेशी महिलाओं की मौजूदगी व ड्रग्स तक इस्तेमाल किया जाता है। इन फार्म हाउसों में पूल पार्टियां खूब मशहूर हैं।
यमुना की बाढ़ ने डुबाया
हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए लाखों क्यूसक पानी ने यमुना के डूब क्षेत्र में बने इन फार्म हाउसों को डूबा दिया है। नोएडा ऐसा शहर है जिसमें करीब 5 हजार 36 हेक्टेयर जमीन डूब क्षेत्र यानी यमुना और हिंडन का रिवर बैंड है। भ्रष्टाचार की पट्टी आंख पर बांधकर डूब क्षेत्र में बनाये गये फार्म हाउस आज पानी में डूबे हुए हैं। इन फार्म हाउसों से बड़ी संख्या में गौवंश को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया है और इन फार्महाउसों की देखरेख करने वालों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
सीईओ ने की थी तोड़ने की हिम्मत
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने अभी हाल ही में सेक्टर-135 डूब क्षेत्र में बने फार्म हाउसों को तोड़ने की हिम्मत दिखाई थी। कुछ फार्म हाउसों पर प्राधिकरण का बुलडोजर भी चला, लेकिन इस तोड़फोड़ के खिलाफ फार्म हाउस मालिक कोर्ट चले गए। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यथास्थिति बनाये रखने के आदेश दिये जिसके बाद प्राधिकरण का बुल्डोजर थमा।
रिवर फ्रंट बनाने की थी योजना
नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ रमारमण ने 2015 में प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित कर यमुना व हिंडन नदी के किनारे लगभग 5030 हेक्टेयर जमीन को रिवर फ्रंट के रूप में विकसित करने की योजना बनाई थी जिसमें झीलें, पार्क, साईकिल ट्रैक, पैदल पथ, बगीचा, बैठने का स्थान व अन्य कई सुविधाएं विकसित की जानी थी, लेकिन ऐसा हो न पाया और यमुना के डूब क्षेत्र में आलीशान फार्म हाउस बन गये।