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गुड़गांव में कल होगा वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक का अंतिम संस्कार

Nilmani Pal
14 March 2023 9:25 AM GMT
गुड़गांव में कल होगा वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक का अंतिम संस्कार
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वेद प्रकाश वैदिक पिछले कई वर्षों से समाचार जगत के शहंशाह पत्रकार के रूप में जाने जाते थे. विगत कुछ वर्षों से अपनी सेवाएं जनता से रिश्ता में नई दिल्ली के संस्करण और वेबसाइट को लगातार वे दे रहे थे. जनता से रिश्ता परिवार की तरफ से बड़े दुख से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं...

दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक का हृदय गति रूक जाने से सुबह निधन हो गया। उनकी आयु 79 वर्ष थी। कल 15 मार्च सुबह 9 बजे से 1 बजे तक उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास स्थान गुड़गांव (242, सेक्टर 55, गुड़गांव) में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार लोधी क्रेमेटोरियम, नई दिल्ली में बुधवार, शाम 4 बजे होगा।

डॉ. वैदिक ने पत्रकारिता, राजनीतिक चिंतन, अंतरराष्ट्रीय राजनीति, और हिंदी के क्षेत्र में लंबे समय तक काम किया। डॉक्टर वैदिक का जन्म 30 दिसंबर 1944 को इंदौर में हुआ था। अंतरराष्ट्रीय मामलों में जानकार होने के साथ ही उनकी रुसी, फारसी, जर्मन और संस्कृत भाषा पर पकड़ रही। डॉ. वैदिक नेे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज’ से अंतरराष्ट्रीय राजनीति में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वे भारत के ऐसे पहले विद्वान हैं, जिन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय राजनीति का शोध-ग्रंथ हिंदी में लिखा। उन्होंने अपनी पीएचडी के शोधकार्य के दौरान न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, मॉस्को के ‘इंस्तीतूते नरोदोव आजी’, लंदन के ‘स्कूल ऑफ ओरिंयटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़’ और अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में अध्ययन और शोध किया।

वेदप्रताप वैदिक ने करीब 10 वर्षों तक पीटीआई-भाषा (हिन्दी समाचार समिति) के संस्थापक-संपादक के तौर पर जिम्मेदारी संभाली। इससे पहले वे नवभारत टाइम्स के संपादक (विचारक) रहे। बीते कुछ समय में उनके लेख अलग-अलग समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहे हैं।

डॉ. वैदिक को मीडिया और भाषा के क्षेत्र में काम करने के लिए कई सम्मान दिए गए। उन्हें विश्व हिन्दी सम्मान (2003), महात्मा गांधी सम्मान (2008), दिनकर शिखर सम्मान, पुरुषोत्तम टंडन स्वर्ण-पदक, गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार, हिन्दी अकादमी सम्मान, लोहिया सम्मान, काबुल विश्वविद्यालय पुरस्कार, मीडिया इंडिया सम्मान, लाला लाजपतराय सम्मान आदि दिए गए। वे कई न्यासों, संस्थाओं और संगठनों में सक्रिय। अध्यक्ष, भारतीय भाषा सम्मेलन एव भारतीय विदेश नीति परिषद!

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