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जज ने कहा, रेप कानून का हो रहा दुरुपयोग

Nilmani Pal
23 July 2023 2:16 AM GMT
जज ने कहा, रेप कानून का हो रहा दुरुपयोग
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उत्तराखंड। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कहा है कि आजकल महिलाएं अपने पुरुष साथी के साथ मतभेद होने पर बलात्कार को दंडित करने वाले कानून का एक हथियार के रूप में दुरुपयोग कर रही हैं. न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा ने 5 जुलाई को एक शख्स के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें एख महिला ने शादी से इनकार करने के बाद शख्स पर बलात्कार का आरोप लगाया था. दोनों 2005 से सहमति से संबंध बना रहे थे.

जस्टिस शर्मा ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने भी बार-बार दोहराया है कि अगर दोनों में से किसी एक पक्ष ने शादी करने से इनकार कर दिया हो तो वयस्कों के बीच सहमति से बने शारीरिक संबंध को बलात्कार नहीं कहा जा सकता है. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि महिलाएं कलह सहित विभिन्न कारणों से अपने पुरुष साथियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 का दुरुपयोग कर रही हैं.

महिला ने 30 जून, 2020 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि आरोपी 2005 से उसके साथ सहमति से यौन संबंध बना रहा था. उसने कहा कि दोनों ने एक-दूसरे से वादा किया था कि जैसे ही उनमें से किसी एक को नौकरी मिलेगी, वे शादी कर लेंगे. लेकिन बाद में आरोपी ने दूसरी महिला से शादी कर ली और उसके बाद भी उनका रिश्ता जारी रहा, ऐसा दावा किया गया. हाईकोर्ट ने कहा, ' महिला जानती थी कि जिस साथी के साथ वह रिश्ते में है, वह पहले से ही शादीशुदा है, फिर भी स्वेच्छा से अपना रिश्ता जारी रखा. ऐसी स्थिति में सहमति खुद ही लागू हो जाती है.' अदालत ने कहा कि आपसी सहमति से किसी रिश्ते में प्रवेश करते समय विवाह के आश्वासन की सत्यता की जांच शुरूआत के चरण में की जानी चाहिए, बाद के चरण में नहीं. हाई कोर्ट ने कहा कि शुरुआती चरण तब नहीं माना जा सकता जब रिश्ता 15 साल तक चला हो और यहां तक कि आरोपी की शादी के बाद भी जारी रहा हो.


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