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जज ने अनोखे अंदाज में दी जमानत, लिखी ये कविता- "अपने पिंजडे से आजादी पाओ", पढ़े पूरा फैसला

jantaserishta.com
8 Nov 2020 11:56 AM GMT
जज ने अनोखे अंदाज में दी जमानत, लिखी ये कविता- अपने पिंजडे से आजादी पाओ, पढ़े पूरा फैसला
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कविता के अंदाज में लिखा फैसला

दिल्ली दंगे के एक केस में शनिवार को अदालत ने बाबू नाम के आरोपी को काव्यात्मक अंदाज में जमानत दी. ये मामला फरवरी 2020 में दिल्ली दंगों से जुड़ा है.

दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान मौजपुर चौक पर हुई एक घटना में रोहित शुक्ला नाम के एक व्यक्ति को कथित रूप से गोली लगी थी. इस मामले में बाबू नाम का शख्स आरोपी है. दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल पर बंदूक तानने वाला शाहरुख पठान भी इस मामले में आरोपी है. उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. शाहरुख इस मामले में न्यायिक हिरासत में है.

आरोपी बाबू के वकील ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि सह-आरोपी इमरान को पहले ही जमानत पर छोड़ा जा चुका है. सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा, "इस आवेदन में दम है. मैं अलग तरह से आदेश सुना रहा हूं."




अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने आदेश में लिखा, ''अपने पिंजडे से आजादी पाओ; लेकिन जब तक सुनवाई पूरी नहीं होती तब तक सरकार के नियंत्रण में हो.'' न्यायाधीश अमिताभ रावत ने बाबू को 10,000 रुपये की जमानत राशि और इतनी ही राशि की मुचलके पर जमानत दे दी.

न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा 'सरकार कहती है कि केक लीजिए और खाइए भी, वहीं अदालत कहती है कि केक खाने से पहले उसे पकाइये भी.'' अदालत ने कहा कि घायल राहुल ने अपने चिकित्सा-कानूनी रिकॉर्ड में कथित तौर पर फर्जी पता दिया था और पुलिस उसका बयान दर्ज कर पाती उससे पहले ही वह गायब हो गया.




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