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नई दिल्ली: कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर बनी फ़िल्म कश्मीर फाइल्स इन दिनों सुर्खियों में है. फ़िल्म में 1990 के दौरान कश्मीर घाटी से कश्मीरी पण्डितों के पलायन के मुद्दे का मार्मिक चित्रण किया गया है. इस बीच सोमवार को संसद में भी पण्डितों के पलायन का मुद्दा उठा. मौक़ा था जम्मू कश्मीर के बजट पर चर्चा का.
सोमवार को लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने थे. मसला जब जम्मू कश्मीर से जुड़ा हो तो ऐसा होना तय भी था. सदन में जम्मू कश्मीर के बजट पर हुई चर्चा में जितनी बात बजट को लेकर हुई , उससे ज़्यादा चर्चा वहां आतंकवाद , धारा 370 और पण्डितों के पलायन को लेकर हुई. बीजेपी के ज़्यादातर सांसदों ने कश्मीर घाटी से हुए पण्डितों के पलायन को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला तो विपक्ष ने सरकार से पूछा कि इन पण्डितों को वहां क्यों नहीं बसाया जा रहा है.
चर्चा के दौरान कई सांसदों ने पाक अधिकृत कश्मीर पीओके का मामला भी उठाया गया. बीजेडी के भर्तृहरि महताब , बीजेपी के जामयांग शेरिंग और जेडीयू के सुनील कुमार पिंटू ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से राज्य के बजट में पीओके के लिए भी सांकेतिक तौर पर अलग बजट बनाने का सुझाव दिया.
विपक्ष ने आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बावजूद राज्य में हालात में कोई सुधार नहीं आया है. चर्चा के दौरान फ़िल्म कश्मीर फाइल्स का भी बार बार ज़िक्र आया. कई सदस्यों ने फ़िल्म को पूरे देश में टैक्स फ्री करने की भी मांग की.
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