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मसला गीता प्रेस का नहीं बल्कि 'गीता' का है: सुधांशु त्रिवेदी

jantaserishta.com
20 Jun 2023 8:52 AM GMT
मसला गीता प्रेस का नहीं बल्कि गीता का है: सुधांशु त्रिवेदी
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फाइल फोटो

नई दिल्ली (आईएएनएस)| गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने की कांग्रेस द्वारा की जा रही आलोचना की निंदा करते हुए भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा है कि यहां मसला गीता प्रेस का नहीं, बल्कि गीता (धार्मिक पुस्तक) का है और भारतीय संस्कृति एवं हिंदुत्व का विरोध करना कांग्रेस की खानदानी आदत रही है जो जवाहर लाल नेहरू के समय से चली आ रही है। भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पूर्व की अमेरिकी यात्रा में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को गीता भेंट की थी, उस समय भी इसका विरोध किया गया था।
भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता ने यह भी दावा किया कि महात्मा गांधी ने स्वयं गीता प्रेस को पत्र लिखकर तारीफ की थी। उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी के कहे अनुसार गीता प्रेस आज भी विज्ञापन नहीं लेता है। उन्होंने कांग्रेस के विरोध पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस यह बताए कि वह आज गांधी के कितने विचारों के साथ हैं। त्रिवेदी ने आगे कहा कि मुस्लिम लीग सेक्युलर है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ साम्प्रदायिक है, यह कांग्रेस का कोई आज का एजेंडा नहीं है बल्कि यह उसका खानदानी एजेंडा है जो जवाहर लाल नेहरू के समय से ही चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा गांधी प्रेस की आलोचना करना इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस भारतीय संस्कृति, हिंदुत्व और महात्मा गांधी के आदशरें की विरोधी है। तुषार गांधी द्वारा किए गए विरोध के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हम महात्मा गांधी के पत्र को सही मानें या उनके परिवार के सदस्य के बयान को।
सुधांशु त्रिवेदी ने केजरीवाल पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके शीशमहल को लेकर नैतिकता का सवाल अभी भी बना हुआ है। त्रिवेदी ने संजय राउत द्वारा संयुक्त राष्ट्र को लिखे गए पत्र पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश की क्षेत्रीय पार्टी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पत्र लिख रही है, यह अपने आप में हास्यास्पद है और भारत की संप्रभुता के खिलाफ है। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और साथ ही यह पश्चिम बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए सबक भी है। उन्होंने कहा कि पहले हाई कोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से यह स्पष्ट हो गया है कि पश्चिम बंगाल में किस तरह का माहौल है। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के परिणाम आने से पहले ही ममता बनर्जी की नैतिक हार हो गई है।
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