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सोसाइटी की लिफ्ट में मासूम फंसा, दहशत से चीखता चिल्लाता रहा, फिर...

jantaserishta.com
3 Dec 2022 5:27 AM GMT
सोसाइटी की लिफ्ट में मासूम फंसा, दहशत से चीखता चिल्लाता रहा, फिर...
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

देखें वीडियो।
नोएडा: ग्रेटर नोएडा की निराला एस्पायर सोसायटी (Nirala Aspire Society) के एक टॉवर की लिफ्ट में फंसे बच्चे का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. शुक्रवार को ग्राउंड फ्लोर से 14वीं मंजिल पर जा रहा मासूम तकरीबन 10 मिनट तक चौथे और पांचवें फ्लोर के बीच अटक गया. उसने इमरजेंसी बटन भी दबाया और लिफ्ट के दरवाजे पर हाथ मारे, लेकिन तुरंत कोई हरकत में नहीं आया. लिफ्ट में लगे सीसीटीवी कैमरे में यह पूरी घटना कैद हो गई.
ग्रेनो वेस्ट थाना बिसरख इलाके की निराला एस्पायर सोसायटी में घटना हुई. सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि अपनी साइकिल के साथ बच्चा लिफ्ट में अटक जाता है और दरवाजे को जोर-जोर से पीटने लगता है.
बच्चे के परिजनों का आरोप है कि फंसे हुए मासूम ने लिफ्ट में लगे इंटरकॉम और इमरजेंसी बटन का भी इस्तेमाल किया, लेकिन सीसीटीवी फुटेज पर नजर रखने वाले गार्ड ने ध्यान नहीं दिया. इसका मतलब यह कि वह अपनी ड्यूटी से नदारद था. देखें CCTV फुटेज:-
परिजनों ने बताया कि लिफ्ट का दरवाजा न खुलने पर बच्चा चीखने-चिल्लाने लगा और वह अपने हाथों से लिफ्ट की दीवारों को जोर जोर से पीटने लगा. यह आवाज पांचवीं मंजिल पर एक रहवासी ने सुनी और दौड़ा-दौड़ा वह मदद के लिए आया. उसने गार्ड रूम में कॉल करके मेंटिनेंस कर्मियों को बुलाया और फिर बच्चे को सकुशल बाहर निकाला गया.
बीते गुरुवार को गाजियाबाद के थाना क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके की एसोटेक नेस्ट सोसाइटी में भी ऐसा ही मामला सामने आया था. सोसाइटी की लिफ्ट में 3 मासूम बच्चियां भी लिफ्ट में फंस गई थी. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसके बाद मामले में और भी ज्यादा तूल पकड़ लिया. घटना की शिकायत स्थानीय पुलिस से की गई है. पुलिस ने पूरे मामले एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
दरअसल, क्रॉसिंग रिपब्लिक की एसोटेक नेस्ट सोसाइटी में रहने वाले शिवम गहलोत की 8 वर्षीय बेटी अपनी दो सहेलियों संग खेलने के लिए 20वें फ्लोर से नीचे आ रही थी. लिफ्ट 11 फ्लोर पर पहुंची और वहीं पर अटक गई. इसके बाद तीनों बच्चियां लिस्ट में तकरीबन 24 मिनट तक फंसी रहीं. इस दौरान मासूमों ने कई बार लिफ्ट में मौजूद इंटरकॉम का भी इस्तेमाल किया. साथ ही इमरजेंसी अलार्म भी बजाया गया, लेकिन तमाम कवायद बेकार ही रही.
पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि यह पहली मर्तबा नहीं है. इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं और जब इस बारे में आरडब्लूए के सचिव और अध्यक्ष से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने पूरा ठीकरा परिजनों के ऊपर ही फोड़ दिया. उनका कहना है कि बच्चों को अकेले लिफ्ट में नहीं भेजना चाहिए. जिस समय परिजनों से बात की जा रही थी, उस दौरान भी फायर अलार्म लगातार बज रहा था. लेकिन मौके पर न तो कोई गार्ड था और न ही कोई सुरक्षाकर्मी था.
यह साफ दर्शाता है कि मेंटेनेंस और आरडब्ल्यूए की लापरवाही कोई बड़े हादसे को न्योता दे रही है. हालांकि, पीड़ित परिवार ने अब आरडब्ल्यू के अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ समेत मेंटेनेंस कंपनी के खिलाफ क्रॉसिंग थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले में जांच शुरू कर दी है.
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