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आयकर विभाग ने श्रीनगर और दिल्ली के व्यवसायिक ग्रुप पर मारा छापा, अलगाववादी नेताओं का पैसा होने का था शक

Nilmani Pal
23 Oct 2020 9:26 AM GMT
आयकर विभाग ने श्रीनगर और दिल्ली के व्यवसायिक ग्रुप पर मारा छापा,  अलगाववादी नेताओं का पैसा होने का था शक
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इस छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपये की नकदी-जेवरात के अलावा 105 करोड़ रुपये की अघोषित चल-अचल संपत्ति का पता चला है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आयकर विभाग ने श्रीनगर और दिल्ली में तीन व्यवसायिक ग्रुप पर छापेमारी की है. इस छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपये की नकदी-जेवरात के अलावा 105 करोड़ रुपये की अघोषित चल-अचल संपत्ति का पता चला है. आयकर सूत्रों के मुताबिक इस व्यवसायिक ग्रुप के पीछे अलगाववादी नेताओं का पैसा भी लगा हो सकता है.



आयकर विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया विभाग के इंटेलिजेंस यूनिट को सूचना मिली थी कि श्रीनगर में मौजूद व्यवसायी ग्रुप अपनी कमाई का सही ब्यौरा पेश नहीं कर रहे हैं. यह व्यवसायी ग्रुप होटल उद्योग कालीन व्यापार आदि का काम करते हैं. साथ ही इन लोगों ने एक ट्रस्ट भी बनाया हुआ है जिसके तहत स्कूल आदि भी चलाए जाते हैं.


ट्रस्ट चलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की कथित वसूली

सूत्रों के मुताबिक ट्रस्ट के ट्रस्ट्रियों से एक ने आयकर विभाग के सामने यह बयान भी दिया है कि जो पैसा ट्रस्ट में लगाया गया था वह निकाल लिया गया है. इसके अलावा ट्रस्ट चलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की कथित वसूली भी की गई है. आयकर विभाग के अधिकारी के मुताबिक इस समूह के पास श्रीनगर में 75 हजार वर्ग फुट का विशाल मॉल भी है. हालांकि इस बारे में कोई आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया गया था. अभी तक की जांच के दौरान पता चला है कि यह जमीन तमाम नियम-कानूनों को ताक पर रख कर ली गई थी.

अलगाववादी नेताओं का पैसा होने का शक

आयकर विभाग के आला अधिकारी के मुताबिक अब तक की जांच के दौरान यह भी पाया गया है कि यह ग्रुप श्रीनगर में 6 बहुमंजिला आवासीय टावर बना रहा है जिसमें से दो का काम पूरा भी हो चुका है. प्रत्येक टावर में 50 फ्लैट बताए जाते हैं. दिलचस्प है कि इन लोगों ने इस बारे में कोई आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है. अधिकारी के मुताबिक जो आयकर रिटर्न दाखिल हुए हैं वह अपने आप में पूरी तरह से गुमराह करने वाले है.

आयकर सूत्रों के मुताबिक इस ग्रुप के तार कुछ अलगाववादी नेताओं से भी जुड़े हुए हैं. आयकर विभाग को शक है कि इस ग्रुप में इन अलगाववादी नेताओं के काले धन को सफेद करने का काम भी किया है. साथ ही इस ग्रुप द्वारा चलाई गई अधिकांश संपत्तियों में भी अलगाववादियों नेताओं का पैसा होने का शक है.

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