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बंगाल में सीबीआई के एक्शन का असर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एजेंसी के दफ़्तर पहुंचीं, देखें वीडियो
jantaserishta.com
17 May 2021 5:32 AM GMT
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पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सरकार बनते ही नारदा घोटाले की जांच फिर से शुरू हो गई है. इस घोटाले के आरोपी कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम, कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की. इसके बाद इन चारों को सीबीआई दफ्तर लाया गया है.
टीएमसी नेताओं को सीबीआई दफ्तर लाने के बाद पश्चिम बंगाल की सियासत में भूचाल आ गया. नेताओं के समर्थन में प्रदर्शन होने लगा. इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी सीबीआई दफ्तर पहुंच गई हैं. इस बीच सीबीआई के अफसर ममता के मंत्रियों और विधायक से पूछताछ कर रहे हैं.
छापेमारी के बाद टीएमसी नेताओं को लाया गया सीबीआई दफ्तर
सीबीआई की टीम सोमवार सुबह ही परिवहन मंत्री और कोलकाता नगर निगम के अध्यक्ष फिरहाद हकीम के घर पहुंची. थोड़ी देर की तलाशी के बाद फिरहाद हकीम को सीबीआई अपने साथ ले जाने लगी. इस दौरान फिरहाद हकीम ने कहा कि मुझे नारदा घोटाले में गिरफ्तार किया जा रहा है. फिरहाह के घर पर समर्थक पहुंच गए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं.
सीबीआई की टीम सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा को भी लेकर सीबीआई दफ्तर पहुंची है. इसके अलावा पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी के घर पर भी सीबीआई की टीम ने छापेमारी की. सोवन चटर्जी ने चुनाव से पहले टीएमसी छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन किया था, लेकिन टिकट न मिलने के बाद उन्होंने बीजेपी भी छोड़ दी थी.
सीबीआई ने गिरफ्तारी के आरोप से किया इनकार
सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि इन चारों नेताओं को नारदा घोटाले में पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर लाया गया है. इन चारों नेताओं से सवाल-जवाब किया जाएगा. हालांकि, सीबीआई ने गिरफ्तारी के आरोप से इनकार करते हुए कहा कि हमने किसी भी मंत्री या विधायक या किसी नेता को गिरफ्तार नहीं किया है.
राज्यपाल ने मुकदमा चलाने की दी थी इजाजत
पिछले दिनों ही सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से नारद स्टिंग मामले में फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी थी. ये सभी उस समय मंत्री थे, जब कथित नारद स्टिंग टेप सामने आया था. चुनाव के तुरंत बाद राज्यपाल ने सीबीआई को इजाजत दे दी थी.
क्या है नारदा घोटाला
पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक किए गए थे. दावा किया गया था कि ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे और इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक की तरह दिखने वाले व्यक्तियों को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से कैश लेते दिखाया गया था.
यह स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारदा न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था. कलकत्ता हाई कोर्ट ने मार्च, 2017 में स्टिंग ऑपरेशन की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. हालांकि, इस स्टिंग में सिर्फ इन चार नेताओं के नाम सामने नहीं आए थे, बल्कि कई उन नेताओं के भी नाम थे, जो अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.
#BigBreaking| West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee arrives at CBI office at Nizam Palace, Kolkata after two of her cabinet ministers Firhad Hakim & Subrata Mukherjee & MLA Madan Mitra were arrested by CBI in connection with Narada case. pic.twitter.com/ilsU9ZD6HI
— Pooja Mehta (@pooja_news) May 17, 2021
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