उदयपुर न्यूज़: वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप और खूबसूरत झीलों के लिए विश्व विख्यात उदयपुर की सैर को हर कोई बेताब नजर आता है। भारत आने वाले अधिकतर विदेशी पर्यटक दिल्ली के बाद राजस्थान और उसमें भी उदयपुर शहर का भ्रमण करना पसंद करते हैं। यही वजह थी कि भारत की अध्यक्षता में होने वाली जी-20 सम्मेलन यानी मुख्य बैठक की मेजबानी के लिए उदयपुर शहर के नाम पर मंथन हुआ लेकिन इसमें आने वाले बड़ी संख्या में मेहमानों, प्रतिनिधि मंडलों एवं अन्य के लिए यहां होटलों में कमरे कम होने से मेजबानी फिसल गई।
जी20 सचिवालय से जुड़े उच्च अधिकारी के अनुसार उदयपुर की झीलों और यहां का इतिहास खुद विदेशी मेहमानों को अपनी ओर आकर्षित करता है। जी20 सम्मेलन के आयोजन को लेकर जब जी20 सचिवालय में भारत के खूबसूरत शहरों के नामों की चर्चा हुई तो उसमें उदयपुर शहर का भी जिक्र हुआ। जी20 बैठक के लिए जो मूलभूत सुविधाएं चाहिए, वे सबकुछ यहां हैं चाहे अंतरराष्टÑीय स्तर का एयरपोर्ट हो, रेल कनेक्टिविटी हो, सिक्सलेन सड़क मार्ग हो, चिकित्सा सुविधा हो। बेहतर से बेहतर हॉस्पिलिटी यहां उपलब्ध है। मगर बात यहां आकर अटक गई थी कि विदेशों से आने वाले मेहमानों के स्तर के कमरे उतने नहीं मिले, जितने होने चाहिए। जी20 देशों और विशेष आमंत्रित देशों से आने वाले मेहमानों और उनके प्रतिनिधिमंडल की संख्या को देखते हुए उनकी बेहतर हॉस्पिलिटी के लिए करीब 15 हजार कमरों की जरूरत पड़ती और इतने कमरे उदयपुर शहर व आसपास के सितारा स्तर की सभी होटलों, रिसोर्ट के कमरों को आरक्षित कर भी लें तो आवश्यकता पूरी नहीं हो पाती। अब इतने कमरों की आवश्यकता को देखते हुए देश के बड़े महानगरों में से किसी एक महानगर में जी20 मुख्य बैठक हो सकेगी।
मेजबानी से मिली दूसरी बैठक: जी 20 शेरपा की गत वर्ष 4 से 7 सितम्बर तक उदयपुर में हुई पहली एजेण्डा बैठक में शामिल होने आए विदेशी मेहमानों की मेजबानी और राजसी सत्कार ही खास वजह रही कि उदयपुर को और एक बैठक की मेजबानी नसीब हुई है।भारत की जी-20 की अध्यक्षता में जी20 की द्वितीय सेन्सटेन्बेल वित्तीय कार्य समूह की बैठक 21 से 23 मार्च तक उदयपुर में होने वाली है।
जी 20 की मुख्य बैठक उदयपुर को मिल सकती थी लेकिन उदयपुर में उच्च स्तर के मेहमानों के लिए उतने कमरे नहीं है। करीब 15 हजार कमरे चाहिए।
ताराचंद मीणा, जिला कलक्टर, उदयपुर