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सांड के हमले से मुंह में घुसा सींग, कार में बैठे दोस्त की निकली चीख, फिर...

jantaserishta.com
3 Aug 2021 8:31 AM GMT
सांड के हमले से मुंह में घुसा सींग, कार में बैठे दोस्त की निकली चीख, फिर...
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वैज्ञानिक प्रगति के दौर में ऐसी चमत्कारिक घटनाएं होती हैं जिन पर तुरंत विश्वास कर पाना कठिन होता है। राजस्थान के बिकानेर निवासी 38 वर्षीय करनी बिश्नोई के साथ हादसे के बाद हुए चमत्कार को ही ले लीजिए। जब हर कोई उनकी जान बचने की उम्मीद भी खो चुका था तो डॉक्टरों ने न केवल उन्हें मौते से मुंह से बाहर निकाल लिया बल्कि उनके मुंह में घुसे सांड़ के सींग से बिगड़े चेहरे को भी फिर से शेप-साइज में ला दिया। पहले कुछ महीनों तक तो चेहरे पर कोई हाव-भाव नहीं उभरे, लेकिन दूसरी बार सर्जरी करके डॉक्टरों ने यह कमी भी पूरी कर दी। अब डॉक्टरों की योजना है कि वो एक सर्जरी और करेंगे जिससे बिश्नोई के चेहरे की बाकी कमी भी पूरी हो जाएगी।

एक एफएमसीजी कंपनी में काम करने वाले करनी बिश्नोई का चेहरा वापस दिलाने के लिए दुनिया की आधुनिकतम तकनीक का उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है जैसे मेरा पुनर्जन्म हुआ हो।' 3 सितंबर, 2020 का वह भयावह दिन था जब एक सांड़ ने अपना बायां सींग बिश्नोई के मुंह में घुसेड़ दिया। झटका इतना जबर्दस्त था कि बिश्नोई की नाक क्षत-विक्षत हो गई, दाहिना आंख खराब हो गया और चेहरे की तो दुर्दशा हो गई। दिल दलहा देने वाला यह हादसा तब हुआ जब बिश्नोई अपने एक दोस्त के साथ कार से घर लौट रहे थे। सड़क पर साड़ों का झुंड पार कर रहा था तो उन्होंने कार रोक दी। झुंड सड़क पार कर गया तो बिश्नोई की कार आगे बढ़ी।
तभी एक सांड़ ने अचानक कार पर हमला कर दिया। उसका बायां सींग सीसे को तोड़ते हुए बिश्नोई के मुंह में जा घुसा। कार में बैठा उनका दोस्त सदमे में आ गया, लेकिन कुछ देर में हिम्मत जुटाकर उसने अपने रिश्तेदारों को फोन किया।
फिर कुछ लोगों ने बिश्नोई को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि, सुविधाओं की कमी के कारण सिर्फ खून का रिसाव बंद करके अस्पताल ने बिश्नोई को दिल्ली रेफर कर दिया।
बिश्नोई की कंपनी बिकाजी ग्रुप के एमडी दीपक अग्रवाल ने एयर लिफ्ट करवाने की व्यवस्था की और बिश्नोई को दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल लाया गया।
सांड़ का सींग मुंह से होकर नाक को चीरते हुए आंख तक पहुंच गया। चोट इतना जबर्दस्त था कि दिमाग का बाहरी हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया।
पहली सर्जरी में तो चेहरे का पहले जैसा आकार दिया गया, लेकिन उस पर हाव-भाव नहीं आ सके। तब डॉक्टरों को दूसरी सर्जरी करनी पड़ी।
वहां प्लास्टिक सर्जन डॉ. सुनील चौधरी और न्यूरो सर्जन डॉ. बिपिन वालिया की अगुवाई में डॉक्टरों की टीम ने काम करना शुरू किया। डॉ. चौधरी कहते हैं कि किसी जिंदा इंसान का ऐसा हाल उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था।
करनी की बड़ी बहन किरन भाई को वापस पाकर बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा, 'हमारे भाई के साथ जो हुआ, वह अविश्वसनीय है। उसे नई जिंदगी देने के लिए महीनों योजना बनाने वाले डॉक्टरों को धन्यवाद। दीपक अग्रवाल का भी शुक्रिया जिन्होंने कोविड महामारी के दौर में मेरे भाई को दिल्ली शिफ्ट करने की व्यवस्था की।'
बहरहाल, अब दो सर्जरी के बाद बिश्नोई की जान बच गई और चेहरा भी वापस मिल गया है, लेकिन अभी एक और सर्जरी बाकी है। डॉक्टरों का कहना है कि अगली सर्जरी में उन्हें उनके चेहरे की बाकी कमी भी पूरी हो जाएगी।

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