अक्सर जयमाल के दौरान शादियों में हंगामा और फिर बात बढ़ जाने को लेकर शादी टूटने की खबरें कई बार सुनी होंगी, लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि दुल्हन ने शादी करने से सिर्फ इसलिए मना कर दिया हो कि दूल्हा उसके सवालों का जवाब नहीं दे सका। दरअसल शिक्षित दुल्हन ने दूल्हे से दो का पहाड़ा पूछ लिया, लेकिन दूल्हा दो का पहाड़ा नहीं सुना सका। इसके बाद इससे आहत दुल्हन ने शादी से इंकार कर दिया। घंटों आरजू मिन्नतों का दौर चलता रहा मगर बात नहीं बनी। मामला थाने तक पहुंच गया। अंततः बारात बिना दुल्हन के बैरंग वापस हो गई।
मामला महोबा जिले के खरेला थाने के बल्लायं गांव का है। यहां के रहने वाले रतीराम अहिरवार ने अपनी बेटी माया का विवाह महोबकंठ थाने के धवार गांव निवासी रंजीत अहिरवार के बेटे रामकिशुन के साथ तय किया था। 30 अप्रैल को शादी की तिथि तय हुई और दुल्हा बारात लेकर पहुंच गया। जयमाला की तैयारियां चल रही थीं। दुल्हन स्टेज पर पहुंची, उसे दूल्हे के खड़े होने की स्टाइल ठीक नहीं लगी। दुल्हन को दूल्हे के अशिक्षित होने का अंदेशा हुआ तो स्टेज पर ही दूल्हे से दो का पहाड़ा सुनाने को कहा। दूल्हन के सवाल के बाद दूल्हा बगलें झांकने लगा और उसकी पोल खुल गई। फिर क्या था दुल्हन ने अशिक्षित दूल्हे के साथ सात फेरे लेने से इनकार कर दिया।
दुल्हन के फैसला से वहां हड़कंप मच गया और दोनों पक्ष के लोगों ने बात बनाने का प्रयास किया मगर दुल्हन अपनी जिद पर अड़ी रही। बाद में मामला पुलिस के पास पहुंचा। पुलिस ने दोनों पक्षों में सुलह कराई और दुल्हन पक्ष को शादी में खर्च किए गए चार लाख रुपया वापस दिलाए। दुल्हन के निर्णय की लोगों ने सराहना की, लेकिन कहा यह पहले पता करना चाहिए था। थाना प्रभारी विनोद कुमार यादव का कहना है कि वर और वधु पक्ष के बीच विवाद होने पर शादी नहीं हो सकी है। बाद में दोनों पक्षों में सुलह हो गई।