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गुजरात के गिर जिले में सुत्रपदा के एक 53 वर्षीय मछुआरे का शव सोमवार को मौत के लगभग 45 दिन बाद उसके पैतृक स्थान पहुंचा
गुजरात के गिर जिले में सुत्रपदा के एक 53 वर्षीय मछुआरे का शव सोमवार को मौत के लगभग 45 दिन बाद उसके पैतृक स्थान पहुंचा। इस मछुआरे की पाकिस्तान की एक जेल में मौत हो गई थी। परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार किया और शव की स्थिति पर नाराजगी व्यक्त की। भारतीय अधिकारियों ने भी शव के यहां पहुंचने में देरी होने पर पाकिस्तानी अधिकारियों को दोषी ठहराया है।
कराची की लांधी जेल में बंद मछुआरे की 14 दिसंबर को हुई थी मौत
भारतीय अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने कराची की लांधी जेल में बंद जेंती सोलंकी की मौत की खबर 12 जनवरी को दी थी। लेकिन, पोस्टमार्टम के नाम पर उन्होंने उसका शव नहीं दिया था। गुजरात मत्स्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार जेंती सोलंकी की मौत बीमारी की वजह से 14 दिसंबर को हुई थी। इससे पहले वह करीब दो साल से कराची की लांधी जेल में बंद थे।
पाकिस्तान ने 29 जनवरी को वाघा-अट्टारी सीमा पर पहुंचाया था शव
सोलंकी का शव आखिरकार 29 जनवरी को वाघा-अट्टारी बॉर्डर लाया गया था जहां से विभाग के अधिकारी इसे अमृतसर लाए। यहां से शव को हवाई मार्ग से अहमदाबाद लाया गया और यहां से एक एंबुलेंस में सोलंकी के पैतृक स्थान ले जाया गया। भारतीय अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तान के अधिकारियों ने शव सौंपने में देरी की। उन्होंनो पोस्टमार्टम करने के नाम पर इसमें विलंब किया।
साल 2019 में पाकिस्तानी समुद्री सुरक्षा एजेंसी ने किया था गिरफ्तार
जेंती सोलंकी को उनके साथियों के साथ फरवरी 2019 में पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (पीएमएसए) ने गिरफ्तार किया था। पीएमएसए ने आरोप लगाया था कि सोलंकी की नाव 'रसूल सागर' अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा को पार कर के पाकिस्तान के अधिकार क्षेत्र वाले समुद्र में आ गई थी। सोलंकी के परिवार ने बताया कि 45 दिन पहले मौत होने के चलते उनका शव विघटित अवस्था में था।
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