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साल 2023 का पहला सुपरमून

Sonam
3 July 2023 12:24 PM GMT
साल 2023 का पहला सुपरमून
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दिल्ली : हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन पूर्णिमा तिथि पड़ती है। इस प्रकार, आज आषाढ़ पूर्णिमा है। इसे गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन पूजा, जप, तप और दान करने का विधान है। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी आज का दिन बेहद खास है। आज साल 2023 का पहला सुपरमून दिखाई देगा। इसे बक मून (Buck Moon) भी कहते हैं। खगोलीय घटनाओं के जानकारों की मानें तो आज चंद्रमा आकार में अन्य पूर्णिमा तिथियों की तुलना में बड़ा और चमकीला दिखाई देगा। अगर मौसम साफ रहता है, तो बिना किसी उपकरण की मदद से सुपरमून को देखा जा सकता है। आइए, सुपरमून के बारे में सबकुछ जानते हैं

सुपर मून क्या है ?

जानकारों की मानें तो जब चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी के बेहद करीब होती है, तो चंद्रमा की तेज रोशनी पृथ्वी पर पड़ती है। आसान शब्दों में कहें तो चंद्रमा आकार में बड़ा और अधिक चमकीला दिखाई देता है। इस खगोलीय घटना को 'सुपरमून' कहा जाता है। पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी 3,84,400 किमी है, लेकिन आज पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी 3,61,934 किमी ही रहेगी। अतः आज चंद्रमा आकार में बड़ा दिखाई देगा। इस खगोलीय घटना को देश दुनिया में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। अमेरिका में सुपरमून को रास्पबेरी मून, थंडर मून, सैल्मन मून और हॉट मून कहते हैं।

समय

नासा के अनुसार, आकार में बड़े और चमकीले दिखाई देने वाले को चांद को 'सुपरमून' का नाम खगोलशास्त्री रिचर्ड नोल ने साल 1979 में दिया था। आज सुबह 07 बजकर 38 मिनट से चंद्रमा का आकार बढ़ रहा है। सुपरमून देखने का सही समय चंद्रोदय व चंद्रास्त है। स्पष्ट रूप से सुपरमून देखने के लिए दूरबीन का उपयोग अनिवार्य है। अगले दो सुपरमून अगस्त में दिखाई देगा और साल 2023 का अंतिम सुपर मून 29 सितंबर को दिखाई देगा।

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