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अंधविश्वास की हद, युवक को आया बुखार, गर्म सलाखों से दाग कर हुआ इलाज

jantaserishta.com
13 April 2022 1:56 PM GMT
अंधविश्वास की हद, युवक को आया बुखार, गर्म सलाखों से दाग कर हुआ इलाज
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बुरहानपुर: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के आदिवासी क्षेत्रों में लोहे की गर्म सलाखों से दाग कर इलाज किया जा रहा है। बुरहानपुर जिला अस्पताल में ऐसा ही एक मामला सामने आया जहां एक आदिवासी युवक को बुखार आने के बाद उसे सरिया से दाग कर इलाज किया गया। जब तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। बता दें कि युवा को बुखार ठीक करने के नाम पर हाथ-पैर और पेट पर जगह-जगह गर्म सलाखों से दागा गया है। आदिवासी क्षेत्रों में आज भी इलाज के नाम पर यह अंधविश्वासी परंपरा जारी है।

बुरहानपुर के खकनार तहसील के ग्राम दसघाट निवासी आदिवासी युवक अविनाश को काफी दिनों से बुखार आ रहा था। जब उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उसके पिता उसे जिला अस्पताल में भर्ती करने ले आए। मौजीलाल ने बताया कि हमारे वहां परंपरागत तरीके से इलाज करवाया था। जिसमें शरीर की नस पर सरिये से दागते हैं तो व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है। लेकिन इसे दूसरी कोई बीमारी हुई है , इसलिए इसे अस्पताल में भर्ती करने लाए हैं।
आदिवासी युवक अविनाश की मां जसोदा बाई ने बताया कि अविनाश का बुखार ठीक नहीं हो रहा था साथ ही उसे दस्त भी लग गए थे। गांव में ही अविनाश के शरीर पर चटक लगाया ताकि वह ठीक हो जाए। लेकिन उसके पैर में सूजन आ गई। अब इलाज़ के लिए इसे यहां लाए हैं।
डॉक्टरों की माने तो आदिवासी लोग अंधविश्वास के चलते शरीर पर दाग लगा कर इलाज करते हैं जो इंसान के लिए बहुत ही खतरनाक होता है। इस तरह दाग लगाकर शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाया जाता है। जानकारी की कमी के चलते लोग इस तरह रूढ़िवादी तरीके से इलाज करवाते हैं जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। डॉक्टर संतोष का कहना है कि किसी भी तरह की बीमारी हो तुरंत नजदीकी अस्पताल में मरीज को लाया जाए। ताकि उसका सही तरीके से इलाज किया जा सके।
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