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असम में जनजातीय उग्रवाद का युग खत्म : सीएम हिमंत बिस्व सरमा

Nilmani Pal
1 Jan 2022 11:36 AM GMT
असम में जनजातीय उग्रवाद का युग खत्म :  सीएम हिमंत बिस्व सरमा
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असम| असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने शनिवार को कहा कि राज्य में जनजातीय उग्रवाद का युग खत्म हो गया है, क्योंकि सभी उग्रवादी संगठन सरकार के साथ वार्ता के लिए आगे आ रहे हैं. सरमा ने गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह भी कहा कि उल्फा (I) द्वारा संप्रभुता की मांग एक बाधा है और उनकी सरकार गतिरोध को तोड़ने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा, "जनजातीय उग्रवाद का युग समाप्त हो गया है… हमारी अंतिम बाधा उल्फा (आई) है. उसे छोड़ कर, अन्य सभी संगठनों ने हथियार डाल दिए हैं. सिविल सोसायटी संस्थाओं और छात्र संगठनों ने राज्य में जनजातीय उग्रवाद की समस्या को खत्म करने में सकारात्मक भूमिका निभाई है." मुख्यमंत्री ने कहा कि उल्फा (आई) के प्रमुख परेश बरुआ के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों से उनकी बातचीत से पता चला है कि उग्रवादी नेता एक 'समझौतापूर्ण समाधान' के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बाधा संप्रभुता की मांग करना है. उल्फा (आई) इस पर चर्चा करना चाहती है, जो हम नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गतिरोध खत्म करने की दिशा में काम कर रही है.

उन्होंने कहा कि वह 2022 को उम्मीद भरे साल के तौर पर देखते हैं. उन्होंने कहा, "सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के बारे में कुछ सकारात्मक क्षण होंगे. कैसे और कब, हम नहीं जानते. लेकिन मैं आशावादी हूं." उन्होंने कहा कि असम के 6-7 जिलों को छोड़कर सभी जगहों से सेना को हटा दिया गया है और जब इस साल अफस्पा को रिन्यू करने का वक्त आएगा तो राज्य सरकार एक अहम फैसला लेगी.

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