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दुश्मन की धरती हिल जाएगी! भारत ने बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का किया सफल परीक्षण, जानें-इसकी खासियत

jantaserishta.com
16 Jun 2022 2:55 AM GMT
दुश्मन की धरती हिल जाएगी! भारत ने बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का किया सफल परीक्षण, जानें-इसकी खासियत
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न्यूज़ क्रेडिट: टीवी 9 

नई दिल्ली: भारत ने बुधवार को ओडिशा (Odisha)के एक एकीकृत परीक्षण केंद्र से कम दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 (Ballistic Missile Prithvi-2) का सफल परीक्षण किया. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पृथ्वी-2 मिसाइल का परीक्षण शाम करीब साढ़े सात बजे किया गया.मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण के दौरान मिसाइल ने सभी तय परिचालन और तकनीकी मानकों को पूरा किया.रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि ओडिशा के चांदीपुर स्थित एक एकीकृत परीक्षण केंद्र से कम दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 का 15 जून को शाम करीब साढ़े सात बजे सफल परीक्षण किया गया. इस मिसाइल के सफल परीक्षण को देश के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. जिसके बाद भारत के हथियारों के स्टाक में एक अन्य विशेष मिसाइल भी जुड़ गई है. हालांकि इसका उपयोग पहले से ही सशस्त्र दल कर रहे हैं.

रक्षा मंत्रालय के अनुसार पृथ्वी-2 मिसाइल प्रणाली बेहद कामयाब मानी जाती है और बहुत उच्च स्तर की सटीकता के साथ निर्धारित लक्ष्य को भेदने में सक्षम है. रक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार पृथ्वी-2 मिसाइल जमीन से जमीन तक 350 किमी तक की दूरी का लक्ष्य भेदने में सक्षम है. इसमिसाइल को रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) ने अपने स्वदेशी ज्ञान कौशल से विकसित किया है.
पृथ्वी 2 मिसाइल की मारक क्षमता जहां जमीन से जमीन तक 350 किमी के दायरे में मार करने की है. तो वहीं यह मिसाइल कई अन्य सुविधाओं से भी लैस है. जिसके तहत मिसाइल 500 से 1000 किलोग्राम वजन तक का हथियार ले जाकर 350 किमी तक दूर स्थित लक्ष्य को सफलतापूर्व भेदने में सक्षम है. जिसकी पुष्टि परीक्षण के दौरान हुई है. परीक्षण के दौरान मिसाइल पर एक विशेष ट्रैकिंंग प्रणाली और तेली मैट्रिक केंद्र से रखी गई थी.
एक हजार किलोमीटर के वजन के साथ 350 किमी तक मारक क्षमता वाली इस मिसाइल मेंतरल ईंधन वाले दो इंजन लगाए गए हैं. हालांकि इस मिसाइल को तरल और ठोस यानी दोनों तरह के ईंधनों से से संचालित किया जा सकता है. असल में बुधवार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन तथा आईटीआर से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों के बीच इस मिसाइल का परीक्षण किया गया. इसके सफलता परीक्षण को देश और डीआरडीओ के लिए बेहद ही विशेष माना जा रहा है, जो एक विशेष सफलता है.

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