झारखंड। निर्वाचन आयोग ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दस दिन बाद आयोग मुख्यालय में तलब किया है. हालांकि हेमंत सोरेन ने आयोग के नोटिस पर अपना जवाब सौंप दिया है. जवाब में हेमंत ने कहा कि उनके पास कोई माइनिंग लीज नहीं है.
झारखंड के राज्यपाल रमेश बैंस के आग्रह पर निर्वाचन आयोग ने पहली मई को नोटिस जारी कर हेमंत को जवाब देने के लिए 10 दिनों का समय दिया था. हेमंत सोरेन ने अपनी मां की खराब सेहत का हवाला देते हुए दस दिनों की मोहलत मांगी थी. आयोग ने अतिरिक्त दस दिनों की मोहलत देकर उन्हें 20 मई तक जवाब दाखिल करने को कहा था. हेमंत के जवाब पर आयोग ने उनको 31 मई को सुनवाई के लिए तलब किया है.
आयोग के पहले नोटिस पर हेमंत सोरेन ने कहा था की मां की तबीयत खराब होने से वो आयोग का छह सौ पन्ने का नोटिस नहीं पढ़ पाए. दो मई को नोटिस मिला और दस मई तक जवाब देना था. नोटिस को पढ़ने समझने और जवाब तैयार करने में वक्त भी लगता है. तभी तो मजबूती से वो अपना पक्ष रख पाएंगे. नोटिस पूरा पढ़ने और तकनीकी बारीकी समझने के लिए तीस दिनों की मोहलत दी जाएं. इस पर आयोग ने दस दिनों की मोहलत दी. सोरेन के जवाब के मुताबिक रांची के अनगड़ा प्रखंड में 88 डेसमिल पत्थर खदान खनन की लीज 14 साल पहले 17 मई 2008 को दस साल के लिए दी गई थी. 2018 में इसके नवीकरण के अनुरोध को नामंजूर कर दिया गया था. फिर 2021 में उनकी लीज रिन्यू कर दी गई थी. लेकिन प्रशासन ने कई नीतिगत कारणों से जब इस साल चार फरवरी तक खनन करने की अनुमति (सीओटी) नहीं मिली तो उन्होंने बगैर खनन किए लीज सरेंडर कर दी. अब फिलहाल उनके पास कोई माइनिंग की जमीन लीज पर नहीं है.