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उधार की ताकत से 'रीजनल पावर' बनने का सपना नहीं हो सकता पूरा... जनरल बिपिन रावत ने की आत्‍मनिर्भर भारत की वकालत

Renuka Sahu
28 Aug 2021 2:23 AM GMT
उधार की ताकत से रीजनल पावर बनने का सपना नहीं हो सकता पूरा... जनरल बिपिन रावत ने की आत्‍मनिर्भर भारत की वकालत
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फाइल फोटो 

आत्‍मनिर्भर भारत की वकालत करते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि उधार की ताकत से रीजनल पावर बनने का सपना कभी भी पूरा नहीं किया जा सकता

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आत्‍मनिर्भर भारत की वकालत करते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने कहा है कि उधार की ताकत से रीजनल पावर (Regional Power) बनने का सपना कभी भी पूरा नहीं किया जा सकता है. उन्‍होंने कहा कि आज के समय में जिस तरह के हालात बन चुके हैं उसे देखने के बाद देश को स्‍वदेशी हथियारों (Weapons) और तकनीक की जरूरत है. उन्‍होंने कहा कि हमें इस ओर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है.

इंस्टीट्यूशन ऑफ इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स एंड टेलीकम्‍यूनिकेशन इंजीनियर्स (IETE) की ओर से आयोजित 5वें आईईटीई इनोवेटर्स-इंडस्‍ट्री मीट में शिरकत करते हुए बिपिन रावत ने कहा, अगर भारत को क्षेत्रीय शक्ति बनना है तो उधार की ताकत से इस सपने को पूरा नहीं किया जा सकता है. देश को अब युद्ध जीतने के लिए एक स्‍वदेशी हथियारों और तकनीक की जरूरत है.
जनरल रावत ने कहा कि अगर हमें दूसरे देशों से मुकाबला करना है तो रक्षा उपकरण के आयात पर निर्भरता खत्‍म करनी होगी. किसी भी युद्ध को जीतने का आगे का रास्‍ता स्‍वदेशीकरण का है. क्षेत्रीय शक्ति बनने की हमारे देश की आकांक्षा उधार में ली गई ताकत पर निर्भर नहीं रह सकती. भारत को अब कोई भी युद्ध जीतना है तो उसे अपने तरीके से लड़ना होगा.
चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सूचना की व्यापकता और प्रौद्योगिकी में हो रहे बदलाव युद्ध के मूल चरित्र को बदल रहे हैं. आने वाले समय में बिना आमने-सामने आए ही युद्ध लड़े जाएंगे. उन्‍होंने कहा कि दुनिया में आ रहे इस बदलाव को देखते हुए हमें भी तैयारी करनी होगी.


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