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जिला अस्पताल लापरवाही बरतने का मामला एक बार फिर सामने आया है
नोएडा। जिला अस्पताल लापरवाही बरतने का मामला एक बार फिर सामने आया है। शनिवार रात एक नवजात की हालत बिगड़ने पर स्टाफ डॉक्टर को जगाने के लिए कमरे का दरवाजा खटखटाता रहा, लेकिन उनकी नींद नहीं टूटी। स्टाफ ने नवजात को लेकर चाइल्ड पीजीआई की दौड़ लगाई, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। रात में अस्पताल में परिजनों ने हंगामा भी किया, लेकिन डॉक्टर कमरे से बाहर नहीं निकलीं। जिला अस्पताल के स्टाफ ने डॉक्टर की लापरवाही की शिकायत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) से की है।
सीएमएस को लिखित शिकायत में स्टाफ सपना, संगीता और पूजा आदि ने बताया कि रात्रि शिफ्ट में उनकी ड्यूटी लेबर रूम में लगी है। सात जनवरी को अर्चना नाम की गर्भवती को भर्ती कराया गया था। उसका इलाज चल रहा था। शनिवार रात 2:28 बजे उसने बच्ची को जन्म दिया, जिसकी हालत गंभीर थी। लेबर रूम में मौजूद स्टाफ ने बच्ची को रेफर करने के लिए ड्यूटी डॉक्टर अजय राणा को जगाया, लेकिन डॉक्टर नहीं जागीं। नवजात की हालत बिगड़ते देख स्टाफ ने ही रेफर पेपर बनाया और चाइल्ड पीजीआई की तरफ दौड़ पड़े, लेकिन नवजात की मौत हो गई।
महिला के परिजनों को सूचना मिली तो चार-पांच लोग लेबर रूम में पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया। परिजन बार-बार डॉक्टर को बुलाने की मांग कर रहे थे। स्टाफ ने कई बार डॉक्टर को बुलाने की कोशिश की, लेकिन डॉक्टर बाहर नहीं आईं। इस संबंध में सीएमएस डॉ. सुषमा चंद्रा और डॉ. अजय राणा से संपर्क साधने का प्रयास किया गया, लेकिन दोनों ने ही फोन नहीं उठाया।
Rani Sahu
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