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दंपति की तलाक याचिका को निचली अदालत ने कर दिया था खारिज, अब हाईकोर्ट ने कही ये बात

jantaserishta.com
20 Sep 2021 11:56 AM GMT
दंपति की तलाक याचिका को निचली अदालत ने कर दिया था खारिज, अब हाईकोर्ट ने कही ये बात
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चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर नाबालिग लड़की से शादी की जाती है, तो यह शादी नाबालिग के 18 साल की उम्र तक अवैध रहेगी. लेकिन अगर लड़की द्वारा 18 साल तक कोई याचिका नहीं डाली गई, तो यह शादी वैध हो जाएगी. यह फैसला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जस्टिस रितु बाहरी और जज जस्टिस अरुण मोंगा ने यह फैसला सुनाया.

दरअसल, हाईकोर्ट में लुधियाना कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक कपल पहुंचा था. इस कपल ने फरवरी 2009 में शादी की थी. लुधियाना कोर्ट ने कपल की तलाक की अर्जी को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उनकी शादी वैध नहीं है, क्यों कि शादी के वक्त महिला नाबालिग थी.
हाईकोर्ट ने कहा कि लुधियाना कोर्ट ने याचिका को गलत तरीके से खारिज कर दिया था क्योंकि मामले में पत्नी 2010 में 18 साल की हो गई थी और तब से अगस्त 2017 तक दोनों साथ रहे. बेंच ने कहा, तथ्यों की बात करें तो महिला शादी के वक्त 17 साल 6 महीने और 8 दिन की थी. वह हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 11 के अनुसार 18 साल की उम्र की होने से पहले इस विवाह को अमान्य घोषित करने के लिए याचिका दायर कर सकती थी.
कोर्ट ने कहा, दोनों पक्ष 2017 तक साथ रहे. पत्नी ने अपनी शादी को अवैध घोषित कराने के लिए याचिका भी दायर नहीं की. जब पति पत्नी ने तलाक की याचिका दाखिल की, तब पत्नी बालिग हो गई थी. ऐसे में दोनों की शादी अब वैध हो गई. कोर्ट ने दोनों की तलाक की अर्जी को स्वीकार कर लिया है.
इससे पहले 2012 में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी ऐसा ही फैसला सुनाया था. इस मामले में लड़की ने लड़के के साथ भागकर शादी की थी शादी कर ली थी. इस मामले पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था कि 18 साल से कम उम्र की महिला या 21 साल से कम उम्र के पुरुष के साथ हुआ विवाह नाबालिग रहने तक अवैध रहेगा. लेकिन उनके नाबालिग होने तक कोई याचिका ना दायर करने पर यह वैध हो जाएगा.


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