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नई दिल्ली: बिहार विधानसभा में स्पीकर विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) और सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के बीच सोमवार को हुई बहस पर विपक्ष हमलावर है. हालांकि, इस विवाद के बीच मंगलवार की देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पीकर विजय सिन्हा के साथ बैठक की. जिसके बाद सभी विवाद खत्म हो गए हैं. दरअसल विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा मंगलवार को पूरे दिन अपने कक्ष में ही बैठे रहे, सदन में नहीं आए. उधर, विपक्ष नीतीश सरकार को घेरते हुए उन्हें सदन में बुलाने की मांग पर अड़ा रहा.
सोमवार की घटना को लेकर विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने वेल में आकर जमकर नारेबाजी की और सरकार पर हमला बोला. पूरे दिन में मात्र 33 मिनट विधानसभा की कार्यवाही चली. इन सबके बीच ग्रामीण विकास विभाग समेत चार विभागों के बजट की स्वीकृति दी गई. दोनों पाली में आसन पर अध्याशी सदस्य प्रेम कुमार बैठे. उधर, विधान परिषद में भी दूसरी पाली में विपक्ष ने विधानसभा में हुई घटना को लेकर हंगामा किया. सदन में विपक्ष को शांत कराने के लिए सीएम (CM Nitish Kumar) और स्पीकर (Vijay Kumar Sinha) के बीच विवाद को लेकर संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी सदन में कहते रहे कि मुख्यमंत्री ने कोई अमर्यादित टिप्पणी नहीं की है. सीएम ने जो कहा, विधानसभा अध्यक्ष भी वही दुहरा रहे थे. प्रेम कुमार भी विपक्षी दलों को शांत करने की कोशिश करते रहे पर कामयाब नहीं हो सके.
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही राजद के ललित यादव ने कहा कि सोमवार को सीएम नीतीश कुमार ने जो बयान दिया, वह सदन के आसन की मर्यादा के खिलाफ था. वहीं, राजद के ही अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना कि ऐसे सदन नहीं चलेगा. आखिरकार सदन कैसे चल रहा था?
वहीं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि ललित यादव सोमवार को सदन में थे ही नही और अलोकतांत्रिक बातों का हवाला दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने ऐसा कुछ कहा ही नही जिसको असंसदीय कहा जाए. मुख्यमंत्री (CM Nitish Kumar) ने विधायिका और कार्यपालिका के दायित्व और अधिकारों की ही बात ही, दोनों का सम्मान होना चाहिए. काम में हस्तक्षेप होने से असहज स्थिति उत्पन्न होती है. साथ ही अध्यक्ष भी वही बात कह रहे थे जो सीएम ने कहीं. इसलिए आसन के असम्मान का आरोप बिल्कुल निराधार है.
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