वाराणसी। पूर्वांचल में ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में कभी जिस माफिया मुख्तार अंसारी के नाम से लोग कांपते थे आज हश्र ये है कि उसका साम्राज्य जमींदोज हो रहा है. पूर्वांचल में अपना खौफ रखने वाले मुख्तार के होटल गजल को गिराना हो, उसकी पसंदीदा ऑडी कार की डुगडुगी पीटकर सीज करना हो, स्लॉटर हाउस और कई अन्य इमारतों को मिट्टी में मिलाना हो, ये वो सभी कार्रवाई हैं जिन पर लोगों का यकीन करना मुश्किल हो रहा है. लेकिन ये सभी बातें मुमकिन हुई एक आईपीएस अधिकारी के चलते जिन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन माफिया अभियान के तहत जिम्मेदारी दी गई थी. अब पूरे यूपी पुलिस महकमे में आईपीएस बृजभूषण शर्मा के नाम की चर्चा है.
उन्होंने बतौर एडीजी 2019 में वाराणसी जॉइन किया. जॉइन करने के साथ ही उनके कंधों पर माफिया मुख्तार और उसके गुर्गों के साम्राज्य को खत्म करने का जिम्मा आ गया. उन्होंने वैसा किया भी. मुख्तार के साथ ही उसके करीबियों को रडार पर लेकर शर्मा ने उन पर कानूनी कार्रवाई की और अवैध संपत्तियों को या तो जमींदोज कर दिया या फिर जब्त कर लिया गया.
मुख्तार की मर्जी बिना पत्ता नहीं हिलता था
वाराणसी जोन में वाराणसी, गाजीपुर, मऊ, जौनपुर, आजमगढ़ समेत वो जिले शामिल थे जहां पर मुख्तार की तूती बोलती थी. मछली हो या सरकार ठेके, स्लॉटर हाउस हो या फिर कोयला बिना मुख्तार की मर्जी के पत्ता भी नहीं हिलता था. लेकिन एडीजी शर्मा ने लगातार कार्रवाई कर सभी पर से मुख्तार के वर्चस्व को खत्म कर दिया. मुख्तार के अलावा ही कुंटू सिंह गैंग की भी उन्होंने आर्थिक तौर पर कमर तोड़ दी. यदि आंकड़ाें की तरफ गौर किया जाए तो सिर्फ पूर्वांचल में ही करीब 424 करोड़ रुपये की आर्थिक चोट माफियाओं को दी गई. जिसमें 152 करोड़ की संपत्ति तो जमींदोज ही कर दी गई. वहीं 211 करोड़ रुपये की संपत्ति गैंगस्टर एक्ट में जब्त कर ली गई. साथ ही 62 करोड़ की सालाना अवैध आय को बंद कर दिया गया और 244 पर मामले दर्ज कर कार्रवाई की गई.
इस पूरी कार्रवाई के तहत एडीजी शर्मा ने दो साल में अकेले मुख्तार का करीब 286 करोड़ का आर्थिक साम्राज्य खत्म कर दिया. इसमें करीब 140 करोड़ रुपये की संपत्ति जमींदोज की गई और बाकि गैंगस्टर एक्ट में सीज कर दी गई. वहीं मछली, स्लॉटर हाउस और अन्य ठेकों से होने वाली 60 करोड़ रुपये की सालाना आय को बंद कर दिया गया. इसके साथ ही 121 अन्य लाइसेंस निरस्त कर थाने में जमा हुए और मुख्तार से संबंधित 200 लोगों को जेल भेजा गया. 129 लोगों पर गैंगस्टर एक्ट और 6 लोगों पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई. वहीं कुंटू सिंह को भी 18 करोड़ की आर्थिक चोट पहुंची है. चर्चा है कि यूपी के इतिहास में इतने कम समय के अंदर ही ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है.