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प्राधिकरणों में जन भागीदारी की मांग उठी

Admin Delhi 1
3 Aug 2023 4:30 AM GMT
प्राधिकरणों में जन भागीदारी की मांग उठी
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नॉएडा न्यूज़: नोएडा, ग्रेटर नोएडा व आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लाखों श्रमिकों के लिए अच्छी खबर आई है। ईश्वर ना करें किसी श्रमिक को कैंसर जैसा गंभीर रोग हो जाए तो उस श्रमिक को इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा। उसका मुफ्त इलाज नोएडा के सेक्टर 24 में स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम ईएसआईसी (ESIC) अस्पताल में हो जाएगा।

आपको बता दें कि नोएडा शहर के सेक्टर 24 में बहुत बड़ा ईएसआईसी (ESIC) अस्पताल स्थापित है। इस अस्पताल से 40 लाख से भी अधिक श्रमिक व उनके आश्रित जुड़े हुए हैं। अभी तक यहां कैंसर के दौरान दी जाने वाली कीमाथैरेपी की सुविधा नहीं थी। अब केंद्र सरकार की पहल पर नोएडा ईएसआईसी अस्पताल में कीमाथैरेपी शुरू कर दी गई है।

कैसे मिलेगी कीमौथेरेपी: केंद्रीय श्रम मंत्रालय के प्रवक्ता हरिमोहन कुमार ने चेतना मंच केा बताया कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) अस्पताल में कैंसर के मरीजों की कीमोथेरेपी शुरू कर दी गई है। फिलहाल कैंसर के शुरुआती चरण के मरीजों को यह सुविधा दी जा रही है। जल्द ही गंभीर मरीजों का उपचार भी कीमोथेरेपी से किया जाएगा। अब तक ईएसआईसी प्रशासन कीमोथेरेपी के लिए मरीजों को निजी अस्पतालों में रेफर कर रहा था।

सेक्टर-24 स्थित ईएसआईसी के इकलौते अस्पताल से 40 लाख से ज्यादा श्रमिक और उनके आश्रित जुड़े हैं। गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के उपचार की सुविधा नहीं होने के कारण इन्हें फरीदाबाद स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज या फिर निजी अस्पतालों में रेफर किया जाता है। रोजाना कैंसर के 10 से अधिक मरीजों को कीमोथेरेपी की जरूरत पड़ती है, जिन्हें अब तक नोएडा और गाजियाबाद के निजी अस्पतालों में भेजा जाता था।

दूसरे अस्पतालों में लगाने पड़ते थे चक्कर: उन्होंने बताया कि हालत खराब होने पर कैंसर के मरीजों को एक जगह से दूसरी जगह चक्कर लगाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। हालांकि, निजी अस्पतालों में कीमोथेरेपी के बिल का भुगतान ईएसआईसी की तरफ से किया जा रहा था। ईएसआईसी मुख्यालय की तरफ से अस्पताल में ही निशुल्क कीमोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए दो डॉक्टरों को नियुक्त किया गया है। उन्हें प्रशिक्षण भी दिया गया है। डॉक्टर निर्धारित ओपीडी में बैठेंगे। यहां कीमोथेरेपी ले रहे मरीजों के साथ ही जिनकी कीमोथेरेपी नहीं शुरू हुई, वे मरीज भी इलाज करा सकेंगे।

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