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वेंटिलेटर के अचानक बंद होने से बच्चे की हुई मौत, विशेषज्ञ डॉक्टर के लेटर से खुला राज

Admin2
18 July 2021 3:38 PM GMT
वेंटिलेटर के अचानक बंद होने से बच्चे की हुई मौत, विशेषज्ञ डॉक्टर के लेटर से खुला राज
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फाइल फोटो  

नोएडा. कानपुर में वेंटिलेटर की वजह से एक बच्चे की जान चली गई. यह वेंटिलेटर कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (GSVM) मेडिकल कॉलेज में लगा हुआ है. कानपुर मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ ने अपने डिपार्टमेंट को लिखी चिट्‌ठी में बताया है कि Agva वेंटिलेटर की क्वॉलिटी खराब है. ये चलते-चलते खुद बंद हो जाते हैं और वेंटिलेटर के अचानक बंद हो जाने से एक बच्चे की जान चली गई.

विभाग ने की वेंटिलेटरों को हटाने की मांग

डॉक्टर की इस चिट्‌ठी के हवाले से विभाग के अध्यक्ष ने प्रिंसिपल से इन वेंटिलेटरों को हटाने की मांग की है. विभाग के अध्यक्ष ने आशंका जताई है कि ये वेंटिलेटर नहीं हटाए गए तो और भी मौतें हो सकती हैं. सूत्र बताते हैं कि बाल रोग विभाग की ओर से इस मुद्दे पर प्रिंसिपल को दो बार पत्र लिखा जा चुका है. पहली चिट्‌ठी 21 मई 2021 को लिखी गई थी जबकि दूसरी 6 जुलाई 2021 को. इन पत्रों में यह जिक्र नहीं है कि खराब वेंटिलेटर के चलते बच्चे की मौत कब हुई. सूत्र बताते हैं कि इस साल 21 मई को आईसीयू इंचार्ज की तरफ से मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को पहला पत्र लिखा गया था. इस पत्र में साफ तौर पर बताया गया है कि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज और संबद्ध लाला लाजपत राय चिकित्सालय को मुहैया कराए गए 26 AgVa वेंटीलेटर कंपनी इंजीनियर की कोशिशों के बाद भी ठीक से नहीं लगाए जा सके. पत्र में सुझाव दिया गया है कि एल-3 लेवल कोविड अस्पताल में अति गंभीर मरीज आते हैं. इन मरीजों के फेफड़ों में गंभीर संक्रमण होता है. AgVa वेंटीलेटर यहां भर्ती मरीजों की जरूरत के अनुकूल ऑक्सीजन और वेंटीलेशन देने में कामयाब नहीं हैं. ऐसे में इसे एल-1 या एल-2 लेवल के कोविड चिकित्सालयों में स्थानांतरित कर दिया जाए, जहां कम गंभीर मरीज आते हैं.

दूसरे पत्र में फिर गुजारिश की गई

इस पत्र के बाद 6 जुलाई को दूसरा पत्र मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के अध्यक्ष ने प्रिंसिपल को लिखा है. जिसमें पीआईसीयू में स्थापित दो AgVa वेंटीलेटरों के बारे में बताया गया है कि चलते-चलते रुक जाते हैं. पत्र में बताया गया है कि इस बारे में पहले भी कॉलेज को सूचित किया जा चुका है. इस पत्र में भी यह आगाह किया गया है कि ये AgVa वेंटिलेटर शिशु रोगियों के लिए इस्तेमाल होने लायक नहीं हैं. पत्र के जरिए गुजारिश की गई है कि इन्हें बदल कर बेहतर वेंटिलेटर दिया जाए.

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