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दलित व्‍यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत से मचा बवाल, परिवार ने लगाया ये आरोप

jantaserishta.com
28 Sep 2021 3:58 AM GMT
दलित व्‍यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत से मचा बवाल, परिवार ने लगाया ये आरोप
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बीजेपी की ओर से मुख्‍यमंत्री से अपील की गई है कि वह इस मामले पर ध्यान दें और इसकी जांच करवाएं.

भुवनेश्‍वर. ओडिशा (Odisha) के बारगढ़ जिले (Bargarh) में एक दलित व्‍यक्ति की पुलिस हिरासत (Police Custody) में मौत होने का आरोप उसके परिवार की ओर से लगाया गया है. सोमवार को उसके परिवार और अन्‍य लोगों ने जिले में प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में बीजेपी (BJP) भी शामिल हुई. बीजेपी की ओर से मुख्‍यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) से अपील की गई है कि वह इस मामले पर ध्यान दें और इसकी जांच करवाएं.

परिवार का आरोप है कि 35 साल के गोबिंद कुम्‍भार को शुक्रवार रात को पुलिस की ओर से दंगे से संबंधित मामले में घर से उठाया गया था. इसके साथ शनिवार को उसकी मौत की सूचना दी गई. एक ओर पुलिस गोबिंद की पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है ताकि पता लग सके कि उसकी मौत का असल कारण क्‍या है. वहीं दूसरी ओर उसके परिवार का आरोप है कि उसकी मौत पुलिस हिरासत में हुए शोषण के कारण हुई है.
मामले ने उस समय राजनीतिक मोड़ ले लिया जब बीजेपी ने सोमवार को इस घटना का विरोध किया और मामले की जांच की मांग की. इसे एक गंभीर घटना बताते हुए बारगढ़ के बीजेपी सांसद सुरेश पुजारी ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है.
सांसद पुजारी ने इस घटना को पुलिस का तालिबानीकरण कहते हुए सीएम को लिखे एक पत्र में कहा है, 'गोबिंद कुम्भार की मौत की परिस्थितियां और उसके शरीर पर चोट के निशान आपराधिक हमले का संकेत दे रहे हैं, जो आईपीसी की धारा 304 के तहत आना चाहिए.'
उन्होंने लिखा, 'कृपया इस अमानवीय घटना को गंभीरता से लें और पुलिस को मामला दर्ज करने का निर्देश दें. साथ ही मामले के संबंधित दस्तावेज, उचित समय की सीसीटीवी फुटेज, पोस्‍टमार्टम की वीडियोग्राफी को भी मांगें.'
पुजारी ने यह भी कहा कि मामले की जांच एक स्वतंत्र जांच एजेंसी द्वारा की जानी चाहिए. वहीं कुम्‍भार के पिता राधेश्याम ने कहा, 'मेरे बेटे को पुलिस ने दंगा करने के एक कथित मामले में उठाया था, लेकिन हमें मामले की पूरी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा था कि उसे प्रारंभिक पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा है और वह कुछ घंटों में वापस आ जाएगा. अगली सुबह जब वह नहीं लौटा तो हम थाने गए. उन्होंने हमें सूचित किया कि वह बीमार है और उसे अस्पताल ले जाया गया.' उन्‍होंने कहा, 'अस्‍पताल में मुझे बताया गया कि मेरे बेटे की मौत हो गई है.'
परिवार ने बाद में इस घटना का विरोध किया. परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों ने संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए टायर भी जलाए. रविवार को बारगढ़ पुलिस ने पांच कर्मियों को ड्यूटी से मुक्त कर दिया. इनमें उप-निरीक्षक सौम्यकांत बलियारसिंह और मंगल किस्को, सहायक उप-निरीक्षक पीतांबर बेहरा और क्षीरोद्र बिस्वाल और होमगार्ड गोपबंधु जगदला शामिल हैं. सभी को रिजर्व में भेजा गया है. एसपी का कहना है कि इस मामले की न्‍यायिक जांच कराई जाएगी.
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