एमपी के अशोकनगर जिले में गुरुवार को मुक्तिधाम में उस समय खलबली मच गई जब एक लाश चिता से उठ कर बैठ गई और आवाज निकालने लगी. इसके बाद परिजनों ने डॉक्टर और एम्बुलेंस को फोन किया. मुक्तिधाम में डॉक्टर भी पहुंचे और एम्बुलेंस भी पर उसे मृत घोषित कर दिया गया. इसके बाद भी परिजन नहीं माने तो उस मृतक को फिर जिला अस्पताल ले गये जहा उसकी जांच हुई पर वहां भी उसे मृत घोषित कर दिया गया.
पूरा मामला अशोक नगर का है जहां अनिल जैन नाम के युवक की तबीयत खराब होने के कारण उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था. करीब 15 दिनों से वह जिला अस्पताल में भर्ती था. मृतक के भाई का कहना है कि उसे कोरोना की शिकायत थी और गुरुवार सुबह डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया पर जब हम उसे मुक्तिधाम लेकर आये तो उसके शरीर में हलचल हुई और ओम, ओम की आवाज भी आई और वह उठ कर बैठ गया. इसके बाद डॉक्टर की टीम आई और उसे मृत घोषित कर दिया गया. परिजनों का आरोप है कि जिला अस्पताल में मृतक जिंदा था. परिजन अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं.
वहीं सिविल सर्जन का कहना है ये बात गलत है कि वह जिंदा था. मृतक को मुक्तिधाम से लाने के बाद भी चेक किया गया, वह मृत ही था. परिजनों के सभी आरोप निराधार हैं.