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नदी में मगरमच्छ ने किया चरवाहे पर हमला, रातभर शव पानी में दबाए रहा और फिर...

jantaserishta.com
24 April 2022 9:17 AM GMT
नदी में मगरमच्छ ने किया चरवाहे पर हमला, रातभर शव पानी में दबाए रहा और फिर...
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दर्दनाक घटना सामने आई है.

करौली: राजस्थान के करौली से दर्दनाक घटना सामने आई है. करणपुर कस्बे से 8 किलोमीटर दूर डाबर मीना बस्ती (डोंगरी) शुक्रवार की शाम चंबल नदी के किनारे खड़े एक चरवाहे पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया और उसे अपने जबड़ों में दबाकर गहरे पानी में ले गया. इस दौरान चरवाहा बचने के लिए चीखता चिल्लाता रहा, लेकिन कोई उसकी मदद नहीं कर पाया. पास में मौजूद एक बच्चे ने चरवाहे की चीख सुनी तो उसके परिजनों और ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी.

परिजन और गांव के लोग इकट्ठा होकर मौके पर पहुंचे. लेकिन तब तक मगरमच्छ चरवाहे को गहरे पानी में ले जा चुका था. यह हादसा शुक्रवार की शाम हुआ था. मगरमच्छ करीब 18 घंटे तक जबड़े में जकड़ कर पानी में घूमता रहा. इसके बाद देर रात तक गांव के लोग टॉर्च की रोशनी में शव की खोजते रहे. लोगों की आवाज सुनकर रात में मगरमच्छ शव को छोड़ दिया. शनिवार सुबह चरवाहे का शव नदी से बाहर निकाला गया. मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
35 साल का हरिकेश डाबर मीना बस्ती (डोंगरी) में रहता था. शुक्रवार को वो अपनी बकरियां चराने जंगल ले गया था. शाम लौटते समय वो नदी में बकरियों को पानी पिलाने रुक गया. बकरियों के पानी पीने के दौरान हरिकेश चंबल नदी के किनारे खड़ा हुआ था. तभी घात लगाकर बैठा मगरमच्छ उसे दबोच कर नदी के गहरे पानी में खींच ले गया. मृतक हरिकेश के परिवार में पत्नि सुनीता देवी के अलावा दो बेटे और एक बेटी है. सबसे बड़ा बेटा 15 साल, छोटा 8 साल व एक बेटी 11 साल की है. इस घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
परिजनों का आरोप है कि चरवाहे को बचाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली. साथ ही नदी से शव को लाने के लिए स्ट्रक्चर तक नहीं मिला. पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया है. परिजन शव को ट्रैक्टर ट्रॉली में रखकर ले गए और हिंदू रीति रिवाज के साथ दाह संस्कार किया.
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