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अदालत ने कारोबारी को सुनाई 6 महीने जेल की सजा, महिला डॉक्टर को दी थी गाली

jantaserishta.com
27 March 2022 12:52 PM GMT
अदालत ने कारोबारी को सुनाई 6 महीने जेल की सजा, महिला डॉक्टर को दी थी गाली
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जानें पूरा मामला।

मुंबई: मुंबई में एक कारोबारी शख्स को महिला डॉक्टर को गाली देना महंगा पड़ गया है. कोर्ट ने इस मामले में उसको 6 महीने जेल की सजा सुनाई है. मामला मुंबई के गिरगांव इलाके का है. दरअसल 14 नवंबर, 2017 को शाम करीब 6 बजे पारसी जनरल अस्पताल में आरोपी ने अपनी मां को भर्ती कराया था.

डॉक्टर ने आरोपी को बताया कि उसकी मां की हालत स्थिर है लेकिन फिर भी आरोपी हंगामा करता रहा और इसी दौरान महिला डॉक्टर से वो गाली-गलौज करने लगा. महिला डॉक्टर ने अभद्र भाषा के इस्तेमाल पर आरोपी के खिलाफ गांवदेवी थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी.
इस मामले में अस्पताल के कुछ डॉक्टर गवाह के रूप में कोर्ट में पेश हुए और अदालत को बताया कि आरोपी ने महिला डॉक्टर को गंदी-गंदी गालियां दी थी. महिला डॉक्टर ने आरोपी पर नौकरी से निकलवाने की धमकी देने का भी आरोप लगाया.
आरोपी ने बचाव में कहा कि डॉक्टरों की गवाही नहीं मानी जा सकती क्योंकि वो महिला डॉक्टर को जानते हैं और उसके दोस्त हैं इसलिए उनके सबूत भरोसेमंद नहीं हैं. हालांकि, मजिस्ट्रेट नदीम पटेल ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि गवाह एक-दूसरे को जानते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि वे फंसाने के लिए ऐसा कहें.
आरोपी ने अदालत को यह भी बताया कि उसके रिश्तेदार भी अस्पताल के वेटिंग एरिया में थे, लेकिन पुलिस ने उनके बयान दर्ज नहीं किए. इसपर मजिस्ट्रेट ने कहा कि "अभियोजन का यह मामला नहीं है कि घटना मरीज के रिश्तेदारों के सामने हुई थी. इसलिए, यदि रिश्तेदार मौजूद नहीं हैं, तो उनका बयान दर्ज करने का कोई मतलब नहीं है."
सुनवाई के दौरान मजिस्ट्रेट ने कहा कि जब आरोपी का बयान उसके सामने दर्ज किया गया था, तो आरोपी ने बताया था कि उसकी मां बीमार थी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्होंने महसूस किया कि महिला डॉक्टर और अन्य कर्मचारी अपने कर्तव्य का पालन करने में लापरवाही कर रहे थे और इसलिए उन्होंने शिकायत की थी.
मजिस्ट्रेट ने सुनवाई के दौरान कहा कि तर्क के लिए भी अगर यह मान लिया जाए कि डॉक्टर ने अपने कर्तव्य में लापरवाही की तो भी आरोपी को गाली देने का कोई अधिकार नहीं है. वो ज्यादा से ज्यादा शिकायत दर्ज करा सकता था जो उसने किया भी. इसलिए, आरोपी के इस बचाव में कोई बल नहीं है.
इसके बाद कोर्ट ने आरोपी के सभी तर्कों को खारिज कर उसे 6 महीने की साधारण कारावास की सजा सुना दी. आरोपी पेशे से एक बिजनसमैन है.


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