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अदालत ने आरोपी को दी बड़ी राहत, किसी को 'जाओ मर जाओ' कहना आत्महत्या के लिए उकसाने की श्रेणी में नहीं आता

jantaserishta.com
27 Sep 2023 11:17 AM GMT
अदालत ने आरोपी को दी बड़ी राहत, किसी को जाओ मर जाओ कहना आत्महत्या के लिए उकसाने की श्रेणी में नहीं आता
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बरी करते हुए अहम टिप्पणी की है।
नई दिल्ली: आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अदालत ने एक शख्स को बरी करते हुए अहम टिप्पणी की है। तेलंगाना हाई कोर्ट ने कहा कि किसी को यह कहना कि 'जाओ मर जाओ' आत्महत्या के लिए उकसाने की श्रेणी में नहीं आता। इसके साथ ही 2009 के एक केस में अदालत ने आरोपी को बरी कर दिया। जस्टिस के. लक्ष्मण और जस्टिस के. सुजाना की बेंच ने कहा कि किसी को यह कह देना कि 'जाओ मर जाओ' उकसावे के तहत नहीं आता। इस मामले में आईपीसी के सेक्शन 306 के तहत केस दर्ज नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला तब बनता है, जब पीड़ित को कुछ ऐसा करने के लिए प्रेरित किया जाए, जो गलत हो और जानलेवा हो। अदालत ने अपने फैसले में कहा, 'सिर्फ जाओ मर जाओ कह देना आईपीसी के सेक्शन 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला नहीं है।' अदालत ने यह निर्णय सेशन कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दिया, जिसमें शख्स को धोखाधड़ी, आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी-एसटी ऐक्ट के तहत दोषी करार दिया गया था। इस मामले में सेशन कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
दरअसल पीड़ित अनुसूचित जनजाति समुदाय का था। इसलिए एससी-एसटी ऐक्ट के तहत भी केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि शख्स ने पीड़िता से शादी से इनकार कर दिया था। इस पर उसने मरने की धमकी दी थी तो शख्स ने कहा कि जाओ मर जाओ। इसके बाद उसने कीटनाशक पी लिया और उससे ही मौत हो गई। आरोप था कि शख्स ने पीड़िता का पहले रेप किया था। इसके बाद मामला आगे बढ़ा तो शादी का वादा कर दिया था। लेकिन बाद में मुकर गया। हाई कोर्ट ने शख्स की अपील पर सुनवाई करते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट ने सबूत पर बात किए बिना ही 'जाओ मर जाओ' कहने के आधार पर आरोपी को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी मान लिया।
अदालत ने कहा कि हमारा फैसला है कि इस मामले में पर्याप्त सबूत नहीं हैं, जिससे शख्स को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी मान लिया जाए। इसलिए उसे संदेह का लाभ दिया जाना चाहिए। यही नहीं अदालत ने यह भी कहा कि किसी शख्स का शादी से इनकार कर देना भी आत्महत्या के लिए उकसाने वाली बात नहीं है। दोनों के बीच दो महीने तक शारीरिक संबंध भी थे।
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