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देश की सबसे बड़ी सुरक्षा एजेंसी एनएसजी के नाम पर 125 करोड़ की ठगी, मुश्किल में BSF के डिप्टी कमांडेंट के जीजा

jantaserishta.com
16 Jan 2022 8:05 AM GMT
देश की सबसे बड़ी सुरक्षा एजेंसी एनएसजी के नाम पर 125 करोड़ की ठगी, मुश्किल में BSF के डिप्टी कमांडेंट के जीजा
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जानिए पूरा मामला।

गुरुग्राम: राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) प्रशिक्षण केंद्र में टेंडर दिलाने के नाम पर 125 करोड़ की ठगी मामले में गुरुग्राम पुलिस तेजी से कार्रवाई कर रही है। एसआईटी की टीम शनिवार को मुख्य आरोपी बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट प्रवीण यादव के जीजा आईटीबीपी में सहायक कमांडेंट नवीन खातोदिया के घर पहुंची और कई घंटों तक जांच-पड़ताल की। इस दौरान टीम को कई किलो चांदी और भारी मात्रा में सोने के आभूषण बरामद हुए। इन सोने-चांदी के आभूषणों की कीमत का आकलन किया जा रहा है।

इसके अलावा पुलिस ने आरोपी के जीजा के घर से एक लाख रुपये नकद, कई कीमती घड़ियां, तीन लैपटॉप और प्रवीण यादव की पत्नी ममता यादव का पासपोर्ट भी बरामद किया। बता दें कि आरोपी नवीन खातोदिया आईटीबीपी से एनएसजी में प्रतिनियुक्ति पर आए हैं और बीते काफी समय से परिवार के साथ एनएसजी प्रशिक्षण केंद्र में मिले मकान में रह रहे थे।
आकलन करने में जुटी रही पुलिस : पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सहायक कमांडेंट नवीन खातोदिया के घर से ज्वेलरी की बरामदी होने के बाद पुलिस उसका आकलन करने में जुटी रही। जांच के दौरान पुलिस के साथ एनएसजी के अधिकारी भी मौजूद रहे और वीडियोग्राफी भी की गई। पुलिस को ज्वेलरी में सोने और चांदी के सिक्के, अंगूठियां, चेन, कड़े सहित लग्जरी और काफी महंगे सोने के सेट मिले। सारे सामान की लिस्ट बनाई गई और अपराध शाखा मानेसर की टीम द्वारा कब्जे में लिया गया।
लैपटॉप से खुलेंगे राज : मानेसर अपराध शाखा प्रभारी और मानेसर थाना प्रभारी के अनुसार तीन लैपटॉप की भी विशेषज्ञों से जांच कराई जाएगी। इससे अहम सुराग मिलने की उम्मीद है। तीनों लैपटॉप में पुलिस को पासवर्ड मिले हैं। रिमांड पर चल रहे आरोपियों से पासवर्ड के बारे में भी पूछताछ की।
आरोपियों द्वारा किए गए 125 करोड़ की ठगी के बाद गुरुग्राम पुलिस ने बीएसएफ और आईटीबीपी में भी उनके द्वारा किए गए अपराध के बारे में जानकारी दी गई है। इसके अलावा वहां से भी जानकारी जुटाई गई है। आरोपियों का व्यवहार कैसा था। हालांकि जांच में सामने आया है कि दोनों आरोपी छुट्टी पर चल रहे थे। इसके अलावा पुलिस ने तहसीलदार को भी पत्र लिखकर आरोपियों की संपत्ति के बारे में जानकारी मांगी गई है। इसके अलावा प्रॉपर्टी खरीद की तारीख भी मांगी है, कब-कब खरीदी गई।
मुख्य आरोपी बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट प्रवीण यादव की गर्लफ्रेंड से भी एसआईटी टीम ने घंटों तक पूछताछ की। पुलिस द्वारा दर्जनों सवाल पूछने के बाद उसको जांच में शामिल किया और वापस भेज दिया। हालांकि, अभी तक पुलिस की जांच में पांचों आरोपियों के अलवा किसी अन्य की भूमिका सामने नहीं आई है। पुलिस सभी आरोपियों के फोन कॉल, मैसेज सहित मेल की भी जांच कर रही है।
72 घंटे में किया गिरफ्तार : मानेसर अपराध शाखा ने मुख्य आरोपी प्रवीण यादव को राजस्थान के जयपुर से 72 घंटे में गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तार के बाद मानेसर अपराध शाखा प्रभारी संदीप कुमार ने टीम के साथ आरोपी की पत्नी, बहन ओर प्रॉपर्टी डीलर को मुस्तैदी दिखाते हुए गिरफ्तार किया था। अगर आरोपियों को अपराध शाखा की टीम समय पर नहीं पकड़ती, तो आरोपियों को पकड़ना मुश्किल हो जाता।

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