भारत
बैंक कर्मचारी की टुकड़ों में मिली लाश, महिला दोस्त के घर पार्टी में पति पर किया ये कमेंट, फिर हुआ ये
jantaserishta.com
18 Dec 2020 12:14 PM GMT
x
एक 31 साल का बैंक कर्मचारी अपनी महिला दोस्त के घर पहुंचा तो पति के सामने ही अपने शादी के पहले के दिनों की दोस्ती पर कमेंट कर दिया. नाराज पति ने चाकू से बैंकर की गर्दन काट दी और बॉडी 12 टुकड़ों में काटकर सूटकेस में भरकर नाले में फेंक दी. यह सनसनीखेज मामला महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई का है.
मुंबई के वरली पुलिस स्टेशन के सूत्रों के मुताबिक, इस थाने में बैंक कर्मचारी सुशील कुमार सारणिक के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज थी. सुशील कुमार 12 दिसंबर से लापता था फिर जाकर 14 दिसंबर को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई.
सुशील, ग्रांट रोड में एक लीडिंग बैंक की ब्रांच में काम करता था. उसकी मां ने पुलिस को बताया कि 12 दिसंबर को उनका बेटा एक दोस्त से मिलने के लिए गया था और 13 तारीख को वापस आने की बात कही थी लेकिन वह आया नहीं.
जब वह 14 दिसंबर तक वापस नहीं आया और उसके दोस्तों से पूछताछ में भी कुछ नहीं मिला तो 14 दिसंबर को वरली पुलिस स्टेशन में मिसिंग कम्प्लेंट दर्ज की गई.
गुरुवार को वरली पुलिस स्टेशन में नेरल पुलिस स्टेशन से फोन आया कि सुशील का मर्डर कर दिया गया है और उसकी बॉडी दो सूटकेस में टुकड़ों में मिली है. नेरल पुलिस को भी यह सूटकेस रेलवे स्टेशन के पास नाले में तैरते हुए मिले थे. जब सूटकेस खोले गए तो उसमें 12 टुकड़ों में कटी एक बॉडी पड़ी थी जिसका राइट हैंड गायब था.
पुलिस ने सूटकेस में लगी पर्ची के आधार पर उस दुकान के बारे में पता किया जहां से वह सूटकेस खरीदा गया था. दुकानदार ने सूटकेस के मालिक के बारे में बता दिया जिसका नाम चार्ल्स नाडर (41) था. पुलिस ने चार्ल्स नाडर और उसकी पत्नी सलोमी (31) से पूछताछ की तो वह टूट गए और बता दिया कि बदला लेने के लिए यह हत्या की गई.
नाडर ने माना कि सुशील, सलोमी का दोस्त था और एक समय वे दोनों एक बीपीओ में साथ काम करते थे. जब तीनों घर में पार्टी कर रहे थे तो सुशीन ने सलोमी के कैरेक्टर पर कुछ कमेंट कर दिया. इससे नाराज उसने सुशील की गर्दन चाकू से काट दी जिसमें सलोमी ने भी मदद की.
इसके बाद उन्होंने बॉडी ठिकाने लगाने के लिए दो सूटकेस खरीदे और बॉडी को टुकड़ों में काटकर बैग में भर दिया. फिर उन सूटकेस को एक नाले में फेंक दिया. यह नाला एक नदी में जाकर मिलता है. उनका मानना था कि सूटकेस नदी से समंदर में चले जाएंगे और किसी को कुछ पता नहीं चलेगा.
Next Story