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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक | DEMO PIC
दो करोड़ रुपए के भुगतान के लिए कमीशन मांगने का आरोप लगाया है.
पाली: राजस्थान (Rajasthan) के पाली (Pali) में सरकारी ठेके लेने वाले ठेकेदार ने मौत को गले लगा दिया. उसने फांसी के फंसे पर लटकर जान दे दी. मरने से पहले ठेकेदार ने दो पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा है. इसमें पाली नगर परिषद के सभापति, सभापति के पति, आयुक्त बृजेश रॉय और नगर परिषद के लेखा शाखा अधिकारी को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है. इस सभी पर दो करोड़ रुपए के भुगतान के लिए कमीशन मांगने का आरोप लगाया है.
जानकारी के अनुसार, ढाबर (रोहट) गांव के रहने वाले शासकीय ठेकेदार हनुमान सिंह ने सुसाइड कर लिया. उन्होंने अपने घर पंखे से फांसी का फंदा पर लटककर अपनी जान दे दी. परिवार के लोग जब कमरे में पहुंचे तो हनुमान सिंह पंखे पर लटते हुए थे. आनन-फानन में उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. जानकारी मिलने पर पुलिस की मौके पर पहुंची थी.
सुसाइड नोट में लिखा है, ''मैं हनुमान सिंह, नगर परिषद पाली में मेरी मैसर्स हनुमान सिंह मूल सिंह व सत्यम कंस्ट्रक्शन फर्म है. पाली नगर परिषद में चरम सीमा पर व्याप्त है, भ्रष्टाचार की वजह से आयुक्त, सभापति रेखा भाटी के पति राकेश भाटी, लेखा शाखा के अधिकारी ज्यादा कमीशन के चक्कर में कई ठेकेदारों का भुगतान नहीं करते हैं या कम करते हैं.''
उन्होंने आगे लिखा ''मेरे लगभग दो करोड़ रुपए बकाया हैं, पिछले 2-3 साल से भुगतान अपने मनमाने ढंग से करने के कारण मेरा भुगतान नहीं हो रहा है, लगभग 2 करोड़ बकाया होने से मैं बैंक लोन का डिफॉल्टर भी हो गया हूं, ईएमआई नहीं भर पा रहा हूं, साधन बेचने पड़ रहे हैं. कलेक्टर महोदय मेरा बकाया भुगतान नगर परिषद से करवाने तथा भुगतान की जांच करावें, ताकि किसी और को ऐसा कदम नहीं उठाना पड़े, मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं, जिसके दोषी नगर परिषद आयुक्त व राकेश भाटी हैं. मेरे पुत्र-पुत्रियों एवं पोते-नाती और मिसेज को प्यार...,अलविदा- घर से रुपए लगाकर भी इज्जत चली जाए और रोज घुट-घुटकर मरने से तो एक बार मरना अच्छा...''
ठेकेदार हनुमान सिंह के बेटे ने पुलिस को बताया कि पिताजी को काफी सालों से परेशान किया जा रहा था. जिन लोगों के नाम सुसाइड नोट में लिखे हैं, वे पिताजी से रुका हुआ पेमेंट पास करने की एवज में दस फीसदी कमीशन की मांग कर रहे थे. पिताजी लगातार नगर परिषद के चक्कर कार रहे थे. लेकिन ये लोग सुनवाई ही नहीं करते थे. पिताजी कई दिनों से इसी बात को लेकर बहुत ज्यादा डिप्रेशन में थे. उन्होंने बहुत उधार भी ले रखा था. पैसे मांगने वाले उन्हें हर रोज परेशान करते थे. मेरे पिता की कातिल पाली नगर परिषद के सभापति और अन्य लोग हैं.
पुलिस ने मृतक ठेकेदार के शव को पोस्ट मार्टम के लिए भिजवा दिया था. शनिवार को मृतक के परिवार और रिश्तेदारों ने शव लेने से मना कर दिया और पोस्ट मार्टम हाउस के बाहर ही धरने पर बैठ गए. राजपुरोहित समाज सहित, अन्य ठेकेदारों सहित पाली नगर परिषद के पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. सभी के साथ मिलकर परिवार ने सुसाइड नोट में लिखे रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
पाली थाना पुलिस का कहना है कि मृतक के पास से सुसाइड नोट मिला है. इसमें कुछ लोगों के नाम हैं. परिवार की शिकायत पर हमने मामला दर्ज कर लिया है. जांच की जा रही है.
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