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फूट-फूटकर रोया सिपाही, खाने की शिकायत की, अब UP पुलिस ने कही यह बात

jantaserishta.com
11 Aug 2022 3:37 AM GMT
फूट-फूटकर रोया सिपाही, खाने की शिकायत की, अब UP पुलिस ने कही यह बात
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में पुलिस लाइन स्थित मेस में बने खाने की गुणवत्ता को लेकर एक सिपाही का वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में अपना दर्द बता रहे कॉन्स्टेबल मनोज कुमार ने कहा कि सरकार हमसे 12-12 घंटे काम कराती है और ऐसा खाना देती है. वीडियो बनाने के दौरान ही कॉन्स्टेबल को पुलिस जीप में ठूंसकर ले गई.

इस घटना के बाद अब फिरोजाबाद पुलिस ने ट्वीट कर बताया है कि खाने की गुणवत्ता संबंधी जांच सीओ सिटी कर रहे हैं. साथ फिरोजाबाद पुलिस ने कॉन्स्टेबल मनोज कुमार पर आरोप भी लगाए हैं. फिरोजाबाद पुलिस की माने तो 'बागी' सिपाही मनोज कुमार आदतन अनुशासनहीन है और उसके खिलाफ कई बार कार्रवाई हो चुकी है.
फिरोजाबाद पुलिस ने ट्वीट कर कहा- 'मैस के खाने की गुणवत्ता से सम्बन्धित शिकायती ट्वीट प्रकरण में खाने की गुणवत्ता सम्बन्धी जांच सीओ सिटी कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि उक्त शिकायतकर्ता आरक्षी को आदतन अनुशासनहीनता, गैरहाजिरी व लापरवाही से सम्बन्धित 15 दण्ड विगत वर्षो में दिये गये हैं.'
क्यों बागी हुआ सिपाही?
कांस्टेबल मनोज कुमार का आरोप है कि पुलिस लाइन की मेस में में बहुत घटिया स्तर का खाना बनता है. कच्ची रोटी, दाल में केवल पानी है. यही खाना बनाया जाता है. मनोज ने खुद ही खाने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला और उसके बाद जब मीडियाकर्मी कांस्टेबल मनोज से बात करने पहुंचे तो मनोज ने अपनी आपबीती बताई.
रोते हुए कॉन्स्टेबल मनोज कुमार का कहना था, 'कप्तान साहब आए तो मैंने कहा कि आप इसमें से 4 रोटयां खा लीजिए. कम से कम ये पता चले कि आपके सिपाही 12 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं वो ये खाना खा रहे हैं. इन रोटियों को आप कुत्तों को डाल दीजिए. क्या आपके बेटे-बेटी ये रोटी खा सकते हैं.'
बिलख-बिलख कर रोते हुए कॉन्स्टेबल मनोज कुमार ने कहा, 'यदि आज के यूपी में हिंदुस्तान में मानवता जिंदा है तो बता दीजिए कि यूपी पुलिस के आरक्षियों को सब दबाते जा रहे हैं. मैं सुबह से भूखा हूं. मुझे धमकी दी जा रही है कि बर्खास्त कर दिया जाएगा यदि थाली जनता के बीच लेकर गया तो.'
कॉन्स्टेबल मनोज कुमार ने कहा, 'डीजीपी महोदय को फोन किया. डीजीपी के पीएसओ ने मुझसे कहा- फोन काट दो वर्ना बर्खास्त कराकर घर भेज दूंगा. आप बताइए मैं अपनी समस्या किसे बताऊं. मेरा सुनने वाला कोई नहीं है. आए दिन सिपाही आत्महत्या कर रहे हैं. अपनी पेट की बात कहने का किसी को अधिकार नहीं है.'

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