
धर्मशाला। हैल्थ इंश्योरंस होने के बावजूद उपचार पर खर्च राशि का क्लेम न देने पर मैक्स बूपा इंश्योरेंस कंपनी को नौ प्रतिशत ब्याज सहित पांच लाख, 29 हजार, 308 रुपए की राशि उपभोक्ता को देनी होगी। साथ ही 75 हजार रुपए मुआवजा व 20 हजार रुपए न्यायालयी शुल्क भी देने के आदेश जिला उपभोक्ता आयोग …
धर्मशाला। हैल्थ इंश्योरंस होने के बावजूद उपचार पर खर्च राशि का क्लेम न देने पर मैक्स बूपा इंश्योरेंस कंपनी को नौ प्रतिशत ब्याज सहित पांच लाख, 29 हजार, 308 रुपए की राशि उपभोक्ता को देनी होगी। साथ ही 75 हजार रुपए मुआवजा व 20 हजार रुपए न्यायालयी शुल्क भी देने के आदेश जिला उपभोक्ता आयोग धर्मशाला ने दिए हैं। आयोग के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद और नारायण ठाकुर की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया है। जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष रोहित वत्स निवासी सिद्धबाड़ी (धर्मशाला) ने शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में कहा था कि उन्होंने मैक्स बूपा हैल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा करवाया था, जिसमें परिवार के सदस्य कवर थे। इंश्योरेंस के उन्होंने सभी प्रीमियम भरे थे।
हैल्थ इंश्योरेंस 15 मार्च 2017 को लिया था, जो कि 14 मार्च 2022 तक वैध था। इस दौरान शिकायतकर्ता 21 अप्रैल, 2021 से 27 मई, 2021 तक कोविड-19 के मामले में नोएडा स्थित एक अस्पताल में उपचाराधीर रहे। इलाज पर पांच लाख,14 हजार, 043 रुपए तथा अतिरिक्त परामर्श 15 हजार 263 रुपए खर्च किए। अस्पताल इंश्योरेंस कंपनी के साथ सूचीबद्ध नहीं था, जिसके कारण शिकायतकर्ता ने पूरी राशि स्वयं खर्च की। वहीं, उन्होंने इंश्योरेंस के तहत खर्च राशि के क्लेम के लिए आवेदन किया, तो उन्हें एक माह बाद ई-मेल के माध्यम से प्रतिपूर्ति दावे को खारिज करने बारे बताया गया। इतना ही नहीं, कंपनी ने उनकी पॉलिसी को भी खारिज कर दिया। कंपनी की ओर से दावा किया गया कि उपभोक्ता की ओर से उन्हें एक किडनी होने के बारे नहीं बताया गया था। आयोग के समक्ष पहुंची शिकायत के बाद दोनों पक्षों की ओर से पेश किए गए तथ्यों को जांचने के बाद उक्त फैसला सुनाया गया है।
