यूपी। उत्तर भारत (North India)में पड़ रही कड़ाके की सर्दी के कारण बुजुर्गों पर आफत आ गई है. ठंड (Cold) का असर वरिष्ठ नागरिकों के साथ ही युवाओं में भी देखने को मिल र हा है. जिले में गुरुवार को ही रात से बढ़ी ठंड ने आठ लोगों की जिंदगी छीन ली. जिसमें पांच लोगों की मौत ब्रेन स्ट्रोक से हुई है जबकि तीन लोगों की मौत हार्ट अटैक से हुई है. ठंड से लोगों के स्वास्थ्य पर क्या असर हो रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 18 घंटे में ब्रेन स्ट्रोक के 23 मरीज हैलेट इमरजेंसी में भर्ती हुए हैं.
कानपुर शहर में भी ठंड काफी पड़ रही है और कार्डियोलॉजी संस्थान में मरीजों की भीड़ के सामने शाम तक डॉक्टरों को ओपीडी में बैठना पड़ रहा है. वहीं संस्थान के सभी बेड फुल हैं. जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को ओपीडी में रिकार्ड एक हजार मरीज आए. जबकि अशर्फी कुमार की कार्डियोलॉजी में हार्ट अटैक से मौत हो गई. इसके साथ ही हाजी अब्दुल माबूद की भी मौत हार्ट अटैक से हुई है. जबकि किदवई नगर के ललितेश और बिधनू के संजीव सिंह, फतेहपुर की रजनी और जहानाबाद के ईश्वर चंद्र सिंह की मौत हॉल्ट इमरजेंसी में ब्रेन स्ट्रोक के कारण हुई है. वहीं रफी वाकी की मां अनीस बेगम (80)की मौत ब्रेन स्ट्रोक से हो गई. इसके अलावा चोटी ईदगाह के इमाम मौलाना असीम जफर साबरी की भी एक नर्सिंग होम में मौत हो गई. मेडिसिन यूनिट के डॉ एसके गौतम के अनुसार गुरुवार रात से ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ी है.
जिले में कड़ाके की सर्दी और मरीजों की संख्या में इजाफे को देखते हुए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी एंड मेडिसिन विभाग में डॉक्टरों की इमरजेंसी को छोड़कर सभी छुट्टियां रोक दी गई हैं. कॉडियोलॉजी विभाग का कहना है कि अचानक ठंड के कारण मरीजों की भीड़ बढ़ गई है. उत्तर भारत में लगातार ठंड का प्रकोप जारी है और ठंड से बचाव के लिए राज्य सरकार ने रैन बसेरों का इंतजाम करने के साथ अलाव जलाने का आदेश दिए हैं. पिछले दिनों ही राज्य में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को इसके लिए आदेश दिए थे. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि सीनियर सिटीजन को ठंड के मौसम में सुबह के वक्त टहलने से बचना चाहिए. क्योंकि इससे हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती हैं.