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चौथी मंज‍िल से नीचे ग‍िरा बच्चा: 55 घंटे इलाज के बाद मौत, इस बदनसीब मां की गलती आप ना दोहराना

Rounak Dey
14 Sep 2021 9:00 AM GMT
चौथी मंज‍िल से नीचे ग‍िरा बच्चा: 55 घंटे इलाज के बाद मौत, इस बदनसीब मां की गलती आप ना दोहराना
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छोटे बच्चों को बहलाए रखने के लिए अक्सर बहुत से माता-पिता मोबाइल का सहारा लेते हैं.

सूरत: छोटे बच्चों को बहलाए रखने के लिए अक्सर बहुत से माता-पिता मोबाइल का सहारा लेते हैं. ऐसे माता-पिता को अलर्ट रहने वाली एक घटना गुजरात के सूरत में घटी है. शहर के लिंबायत इलाक़े में महज़ दो साल के बच्चे को एक मां ने कार्टून खेलने के लिए मोबाइल थमाया था. बच्चा मोबाइल से खेलते-खेलते चौथी मंज़िल की बालकनी से नीचे गिर गया और घर में मौजूद मां को भनक तक ना लगी. बच्चे के चौथी मंज़िल से गिरने की घटना सीसीटीवी में क़ैद हुई है. वहीं, बच्चे की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई.

सीसीटीवी में क़ैद हुई ये तस्वीरें सूरत शहर के लिंबायत इलाक़े की है. लिंबायत इलाक़े के प्रताप नगर सोसायटी में स्थित एक अपार्टमेंट की चौथी मंज़िल से एक दो साल का मासूम ऊपर से नीचे ज़मीन पर गिरता हुआ साफ़ देखा जा सकता है.
बच्चे की नीचे गिरने की आवाज़ सुनकर एक शख़्स उस बच्चे के पास पहुंचता है और उसे फ़ौरन अपनी हाथों में उठा लेता है. बच्चे को उठाने वाले शख़्स को समझ में भी नहीं आता है कि ये बच्चा किसका है और कहां से कैसे नीचे गिरा है. यही सोचकर वो इधर उधर नज़र भी दौड़ाता हुआ सीसीटीवी में देखा जा सकता है.
दरअसल, प्रताप नगर इलाक़े की एक रिहायशी अपार्टमेंट की चौथी मंज़िल पर रहने वाले वसीम अंसारी शनिवार को काम पर गए थे. घर में उनकी पत्नी और इकलौता दो साल बेटा वारिश अकेले थे.
पत्नी ने बेटे वारिश को ख‍िलाया-प‍िलाया और उसके बाद मोबाइल में कार्टून लगाकर बालकनी में बैठा कर वॉशरूम चली गई थी, उसी वक्त ये हादसा हो गया. कुछ समय बाद अपार्टमेंट के नीचे लोगों का जमावड़ा होता है. तब बच्चे की मां बिल्डिंग के नीचे झांककर देखती है कि कोई बच्चा गिरा हुआ था.. आनन-फ़ानन में उस बच्चे को लोग इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाते हैं. 55 घंटे अस्पताल में इलाज चलने के बाद दो साल का मासूम अस्पताल में दम तोड़ देता है.
जानकारी के अनुसार, एक महीने पहले ही अंसारी परिवार यहां बिल्डिंग में रहने आया था और उनके परिवार का एक इकलौता बेटा मोबाइल के चक्कर में जान गंवा बैठा. सूरत में हुए इस हादसे से उन मां-बाप को सबक़ लेने की ज़रूरत है जो अपने बच्चों को मोबाइल की लत लगा रहे हैं.
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