इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोरोना से संक्रमित एक गर्भवती महिला में गुलियन-बेरी सिंड्रोम का दुर्लभ मामला पाया है. ICMR की एक स्टडी के अनुसार प्रेग्नेंसी के पांचवें महीने में महिला का अचानक गर्भपात हो गया था. स्टडी में कहा गया है कि COVID-19 गर्भवती महिला में इस सिंड्रोम का ये पहला ऐसा मामला है जिसमें पेट के अंदर ही बच्चे की अचानक मौत हो गई. स्टडी के अनुसार, मुंबई के बीवाईएल नायर चैरिटेबल अस्पताल में रजिस्टर्ड 1572 गर्भवती महिलाओं में से केवल एक महिला में गुलियन-बेरी सिंड्रोम पाया गया. प्रेग्नेंसी में ये सिंड्रोम बहुत ही कम महिलाओं में देखने को मिलता है. इस मामले में SLE और APLA जैसे पहले से मौजूद कोमोरबिड ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, इस सिंड्रोम की वजह माने जा रहे हैं. ये सिंड्रोम कोरोना की वजह से है या नहीं, इस पर अभी बहस जारी है.
ICMR एक साल से प्रेग्नेंट कोविड रजिस्ट्री तैयार कर रहा है. इसमें 16 अस्पताल शामिल हैं जहां भारत में महामारी की पहली लहर के बाद से कोरोना से संक्रमित 4,000 से ज्यादा प्रेग्नेंट महिलाओं को रजिस्टर्ड किया गया है. स्टडी करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि 'प्रेग्नेंसी में ऑटोइम्यून स्थितियों की वजह से गुलियन-बेरी सिंड्रोम हो सकता है, खासतौर से इस मामले में. स्टडी के परिणामों के आधार पर हम सभी लोगों को ऑटोइम्यून बीमारी के इतिहास वाले लोगों की विशेष रूप से जांच करने की सलाह दे रहे हैं.
गुलियन-बेरी सिंड्रोम क्या है- गुलियन-बेरी सिंड्रोम नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारी है. शुरुआत में इससे शरीर में कमजोरी होने लगती है और हाथ-पैरों में झुनझुनाहट महसूस होती है. दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है. शरीर में फैलने पर इससे लकवा भी हो सकता है.