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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: नवजात बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए नियमित अंतराल पर टीके लगाए जाते हैं. टीकाकरण के बाद बच्चे को बुखार आने को सामान्य बात माना जाता है लेकिन ओडिशा में एक बच्चे की तबीयत इतनी बिगड़ी कि उसकी जान चली गई. टीकाकरण के बाद बच्चे की मौत का ये मामला ओडिशा के जाजपुर जिले के धर्मशाला ब्लॉक के संखा गांव की है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक संखा गांव निवासी बाबू सेठी 20 जुलाई को अपने तीन महीने के बच्चे को लेकर आंगनबाड़ी केंद्र गए थे और उसका टीकाकरण कराया था. बच्चे को पेंटावैलेंट वैक्सीन लगाई गई जो नवजात बच्चों को जीवन के लिए खतरनाक पांच बीमारियों से बचाती है. ये टीका लगाए जाने के बाद बच्चे को पल्स पोलियो ड्रॉप भी पिलाई गई थी.
बताया जाता है कि बच्चे का टीकाकरण कराने और पल्स पोलियो ड्रॉप पिलाने के बाद बाबू सेठी बच्चे को लेकर अपने घर लौट आए. बाबू सेठी की ओर से की गई शिकायत के मुताबिक घर लौटने के बाद बच्चे को तेज बुखार आ गया. बुखार काफी अधिक था और वह लगातार रोए जा रहा था. बच्चे के पिता के मुताबिक वे समझ ही नहीं पाए कि हो क्या रहा है.
बच्चे की माता ने कहा है कि उन्हें ये डर हो गया कि टीकाकरण और इंजेक्शन में कोई गड़बड़ी हो गई है. बच्चे को लेकर वे तत्काल आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचीं जहां स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने उनसे ये कहा कि बच्चा दर्द की वजह से रो रहा है. मृतक अबोध की मां के मुताबिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने उनसे ये भी कहा कि 48 घंटे तक बुखार रह सकता है और इस दौरान बच्चे को कोई दवा न दी जाए.
दो दिन के बाद भी जब बच्चे का बुखार ठीक नहीं हुआ तब परिजन 22 जुलाई को उसे लेकर बड़ाचना सीएचसी पहुंचे. फिर बच्चे को उपचार के लिए कटक के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसका निधन हो गया. परिजनों ने बच्चे की मौत के मामले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समेत तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. धर्मशाला थाने की पुलिस ने बच्चे का शव कब्जे में लेकर ऑटोप्सी के लिए भिजवा दिया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी है.
jantaserishta.com
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